महाराष्ट्र विधानसभा निवडणूक १९७२
चौथ्या महाराष्ट्र विधानसभेसाठी महाराष्ट्रामध्ये मार्च १९७२ मध्ये निवडणूक झाली, एकूण २७० जागांसाठी ही निवडणूक लढवली गेली. यामध्ये भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेसला सर्वाधिक २२२ जागा मिळाल्या, काँग्रेसला एकूण मतांच्या तब्बल ५६.३६% टक्के मते मिळाली तर दुसऱ्या क्रमांकावर असणाऱ्या शेतकरी कामगार पक्षाचे फक्त ७ आमदार निवडून आले. विशेष म्हणजे या निवडणुकीत एकही महिला आमदार निवडून आली नाही, विधानसभेत एकही महिला आमदार नसल्याचे दृश्यही महाराष्ट्राने या निवडणुकीत पाहिले. नुकत्याच स्थापन झालेल्या शिवसेनाचा देखील एका आमदाराने सक्रिय राजकारणात प्रवेश झाला.[१] निवडणुकीनंतर विद्यमान मुख्यमंत्री वसंतराव नाईक पुन्हा मुख्यमंत्री झाले. पुढील पाच वर्षाच वसंतराव नाईक, शंकरराव चव्हाण व वसंतदादा पाटील असे तीन मुख्यमंत्री राज्याला पाहायला मिळाले. चौथ्या विधानसभेच्या स्थापनेनंतर शेषराव वानखेडेंची महाराष्ट्र विधानसभेच्या अध्यक्षपदी निवड करण्यात आली पण त्यांची कार्यकाळ हा जेमतेम दीड ते दोन वर्षाचाच होता. त्यांच्यानंतर बाळासाहेब देसाई यांची या पदावर वर्णी लागली. रामकृष्ण व्यंकटेश बेत उपाध्यक्ष झाले. शेतकरी कामगार पक्षाचे दिनकर बाळू पाटील यांची विरोधी पक्षनेतेपदी निवड झाली.
१९७२ मध्ये महाराष्ट्रात भीषण दुष्काळाची परिस्थिती निर्माण झाली होती, त्यावेळी केंद्रीय मंत्री असलेल्या यशवंतराव चव्हाण यांनी महाराष्ट्राला वेळोवेळी मदत पाठवली अशा परिस्थितीत देखील काँग्रेसने महाराष्ट्रात प्रचंड बहुमत मिळवले आणि वसंतराव नाईक पुन्हा मुख्यमंत्री झाले. वसंतरावांनी महाराष्ट्रात धवलक्रांती व दुग्धक्रांती घडवून आणली. १९७२ च्या दुष्काळात रोजगार हमी योजना राबविण्यात आली. पक्षांतर्गत कलहामुळे २० फेब्रुवारी १९७५ ला वसंतरावांना मुख्यमंत्री पदाचा राजीनामा द्यावा लागला. त्यांच्यानंतर शंकरराव चव्हाण मुख्यमंत्री झाले. शंकरराव चव्हाण याआधी १२ वर्ष पाटबंधारे मंत्री होते, मुख्यमंत्री झाल्यावर त्यांनी जायकवाडी, विष्णुपुरी अशी महत्वपुर्ण प्रकल्प कामी लावले. त्यांच्याच काळात आणीबाणी लागू करण्यात आली व इंदिरानिष्ट असण्याचे आरोप ही त्यांच्यावर झाले. पुढे १७ मे १९७७ ला वसंतदादा पाटील यांची महाराष्ट्राच्या मुख्यमंत्री पदी वर्णी लागली.[२]
मतदारसंघाचा प्रकार | खुला | अनुसूचित जाती | अनुसूचित जमाती | एकूण |
---|---|---|---|---|
मतदारसंघांची संख्या | २३९ | १५ | १६ | २७० |
निकाल
संपादनपक्ष | लोकप्रिय मते | जागा | ||||||
---|---|---|---|---|---|---|---|---|
मते | टक्केवारी | +/- | लढवल्या | जिंकल्या | टक्केवारी | +/- | ||
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस २२२ / २७० (८२%)
|
८५,३५,८३२ | ५६.३६% | ▲९.३३% | २७० | २२२ | ८२% | ▲१९ | |
शेतकरी कामगार पक्ष ७ / २७० (३%)
|
८,५६,९८६ | ५.६६% | ▼२.१४% | ५८ | ७ | ७% | ▼१२ | |
भारतीय जनसंघ ५ / २७० (२%)
|
९,४७,२६६ | ६.२५% | ▼१.९२% | १२२ | ५ | २% | ▲१ | |
संयुक्त समाजवादी पक्ष ३ / २७० (१%)
|
६,९३,७९७ | ४.५८% | ▼०.०३% | ५२ | ३ | १% | ▼१ | |
भारतीय रिपब्लिकन पक्ष २ / २७० (०.७%)
|
५,७०,५३३ | ३.७७% | ▼२.८९% | ११८ | २ | ०.७% | ▼३ | |
भारतीय कम्युनिस्ट पक्ष २ / २७० (०.७%)
|
४,१२,८५७ | २.७३% | ▼२.१४% | ४४ | २ | ०.७% | ▼८ | |
फॉरवर्ड ब्लॉक २ / २७० (०.७%)
|
३,६३,५४७ | २.४०% | ▲२.४०% (नवीन पक्ष) | १० | २ | ०.७% | ▲२ | |
शिवसेना १ / २७० (०.४%)
|
२,७९,२१० | १.८४% | ▲१.८४% (नवीन पक्ष) | २६ | १ | ०.४% | ▲१ | |
भारतीय कम्युनिस्ट पक्ष (मार्क्सवादी) १ / २७० (०.४%)
|
१,१७,१३४ | ०.७७% | ▼०.३१% | २० | १ | ०.४% | - | |
भारतीय क्रांती दल १ / २७० (०.४%)
|
३१,५०८ | ०.२१% | ▲०.२१% (नवीन पक्ष) | २ | १ | ०.४% | ▲१ | |
इंडियन युनियन मुस्लिम लीग १ / २७० (०.४%)
|
२७,१३८ | ०.१८% | ▲०.१८% (नवीन पक्ष) | १ | १ | ०.४% | ▲१ | |
अपक्ष २३ / २७० (९%)
|
१९,२०,६६७ | १२.६८% | ▼१.८९% | ३४३ | २३ | ९% | ▲७ | |
एकूण | १००.०० | ११९७ | २७० | ±० | ||||
दिलेली मते / मतदान | १,५६,८३,४२९ | ६०.६३% | ▼४.२१% | |||||
नोंदणीकृत मतदार | २,५८,६९,३८३ |
बाह्य दुवे
संपादनहे सुद्धा पहा
संपादनसंदर्भ
संपादन- ^ "Maharashtra 1972".
- ^ "MAHA VIDHAN SABHA : एकही महिला आमदार न झालेली निवडणूक.. शिवसेनेचा चंचूप्रवेश व सहकार चळवळीचा पाया". ETV Bharat News. 2022-12-24 रोजी पाहिले.