महाराष्ट्रातील अनुसूचित जातींची यादी
महाराष्ट्रातील अनुसूचित जातींची संख्या ५९ आहे.[१] २०११ च्या जनगणनेनुसार, राज्यात अनुसूचित जातींची लोकसंख्या १,३२,७५,८९८ (११.८१%) असून त्यात पुरुष ६७,६७,७५९ व स्त्रिया ६५,०८,१३९ आहेत. भारतातील एकूण २०.१४ कोटी अनु. जातींपैकी ६.६% अनु. जाती महाराष्ट्रात आहे. अनुसूचित जाती व अनुसूचित जमाती आदेश (सुधारणा) कायदा १९७६ (१९७६चा १०८ वा) मधील परिशिष्ट १ मधील भाग - १० मध्ये नमूद केल्याप्रमाणे अनुसूचित जातीतील ५९ प्रकारच्या जातींसाठी एकूण आरक्षण १३% आहे.
२००१ च्या जनगणनेनुसार, अनुसूचित जातींमध्ये महार (५७.५%), मांग (२०.३%), भांबी/चांभार (१२.५%) व भंगी (१.९%) ह्या प्रमुख चार समाजाची लोकसंख्या ९२% आहे. लातूर जिल्ह्यात अनुसूचित जातींचे प्रमाण सर्वाधिक (१९.४%) आहे. २०११ च्या census नुसार पुणे जिल्ह्यात सर्वाधिक अनुसूचित जातींचे प्रमाण आहे.[ संदर्भ हवा ]
यादी
संपादन२००१ च्या जनगणनेनुसार, महाराष्ट्रातील अनुसूचित जातीच्या समूदायांची आणि त्यांच्या लोकसंख्येच्या यादी खालीलप्रमाणे आहे.[२]
क्रमांक | जाती | लोकसंख्या २००१ | एकूण अनु.जाती लोकसंख्येची टक्केवारी |
---|---|---|---|
१ | अगेर | ५९७ | % |
२ | अनमुक | १४ | % |
३ | आरेमाला | ३८४ | % |
४ | अरवा माला | ४६५ | % |
५ | बहना बहाना | १०९ | % |
६ | बाकड, बंट | ६७९ | % |
७ | बलाही, बलाई | १३,६७१ | % |
८ | बसोर , बुरुद, बांसोर, बांसोडी | ४३,६१६ | % |
९ | बेडाजंगम, बुडगा जंगम | ४२,२०६ | % |
१० | बेडर | १७,४६७ | % |
११ | भांबी, भांभी, असादरु, असोदी, चामडिया, चमार, चमारी,चांभार, चमगार, हरळय्या, हराळी, खालपा, माचीगार, मोचीगार, मादर, मादिग, मोची, तेलगू मोची, कामाटी मोची, राणीगार, रोहिदास, नोना, रामनामी, रोहित, समगार, सतनामी, सूरज्यबंशी, सूरज्यरामनामी, समगारा, चर्मकार, परदेशी चामार (शा.नि. दि. १५ एप्रिल २०१० प्रमाणे समाविष्ट) | १२,३४,८७४ | १२.५% |
१२ | भंगी, मेहतर, ओलगाना, रुखी, मलकाना, हलालखोर, लालबेगी, बाल्मिकी, करोर, झाडगल्ली, हेला (शा.नि. दि.१५ एप्रिल २०१० प्रमाणे समाविष्ट) | १,८६,७७६ | १.९% |
१३ | बिंदला | ६२९ | % |
१४ | ब्यागारा | १९ | % |
१५ | चलवादी, चन्नया | २,३८४ | % |
१६ | चेन्नदासर, होलया दासर, होलेया दसारी | ४०० | % |
१७ | डक्कल, डोक्कलवार | ४४२ | % |
१८ | ढोर, कक्कय्या, कंकय्या, डोहोर | ९०,२२६ | % |
१९ | डोम, डुमार | ३,३३७ | % |
२० | येल्लमलवार, येल्लमलवंडलु | ३,०१२ | % |
२१ | गंडा, गंडी | ४२० | % |
२२ | गरोड,गारी | ३६१ | % |
२३ | घासी,घासीया | १,१९० | % |
२४ | हल्लीर | ९८ | % |
२५ | हलसार, हसलार, हुलसवार, हुलसवार, हलसवार (शा.नि. दि.१५ एप्रिल २०१० प्रमाणे समाविष्ट) | १०० | % |
२६ | होलार, व्हलार | ७९,४६१ | % |
२७ | होलय, होलेर, होलेया, होलिया | १४,५८७ | % |
२८ | कैकाडी (अकोला, अमरावती, भंडारा, बुलढाणा, नागपूर, वर्धा व यवतमाळ जिल्हे व राजूरा तालूका सोडून चंद्रपूर जिल्हा यांत) | ५,२३२ | % |
२९ | कटिया, पथरिया | १,९२१ | % |
३० | खंगार, कनेरा, मिरधा | १,४०५ | % |
३१ | खाटिक, चिकवा, चिकवी | ८९,९६९ | % |
३२ | कोलूपूल-वंडलु | १६ | % |
३३ | कोरी | ९,७४९ | % |
३४ | लिंगडेर | १,१०,१९३ | % |
३५ | मादगी | ५०,९९२ | % |
३६ | मादिगा | ६,४३२ | % |
३७ | महार, मेहर, तराळ, धेगू-मेगू | ५६,७८,९१२ | ५७.५% |
३८ | माहयावंशी, धेड, वणकर, मारु-वणकर | १२,६१२ | % |
३९ | माला | ७,९७३ | % |
४० | माला दासरी | १,०९४ | % |
४१ | माला हन्नाई | २८ | % |
४२ | माला जंगम | १९,५८९ | % |
४३ | माला मस्ती | ३१ | % |
४४ | माला साले, नेटकानी | १९४ | % |
४५ | माला सन्यासी | ५६ | % |
४६ | मांग, मातंग, मिनिमादिग, दखनी-मांग, मांग-म्हशी, मदारी, गारुडी, राधेमांग | २०,०३,९९६ | २०.३% |
४७ | मांग-गारोडी, मांग-गारुडी | २५,२६० | % |
४८ | मन्ने | १,७२८ | % |
४९ | मस्ती | २०६ | % |
५० | मेंघवाल, मेंघवार | ३५,५९४ | % |
५१ | मिठा, अयलवार | ३५,३२९ | % |
५२ | मक्री | ७२ | % |
५३ | नाडीया,हादी | ३४५ | % |
५४ | पासी | १६,६८३ | % |
५५ | सांसी | ३८९ | % |
५६ | शेणवा, चेणवा, सेडमा, रावत | ४१९ | % |
५७ | सिंधोल्लू, चिंदोल्लू | ४६ | % |
५८ | तिरगार, तिरबंदा | १७० | % |
५९ | तुरी | १८७ | % |
धर्म
संपादन२००१ च्या जनगणनेनुसार, महाराष्ट्रातील अनुसूचित जातींच्या लोकसंख्येत ६७% हिंदू, ३२.९% बौद्ध व ०.१% (५,९८३) शीख होते. तर २०११ च्या जनगणनेनुसार, अनुसूचित जातींमध्ये ६०.७% (सुमारे ८०.१२ लाख) हिंदू, ३९.२% (५२,०४,२८४) बौद्ध व ०.१% (१३ हजार) शीख आहेत. २००१-११ या कालावधीत महाराष्ट्रातील अनुसूचित जातींच्या बौद्ध लोकसंख्येत तब्बल ६०% वाढ झाली आहे.[३]
२००१ मध्ये, महार समुदायाच्या लोकसंख्येत ५६.३% बौद्ध, ४३.७% हिंदू आणि अवघे ०.१% शीख होते. तर २०११ मध्ये, राज्यात सुमारे ७६ लाख महार समाज आहे, महारांत सुमारे ६२% (४७.१२ लाख) बौद्ध, ३७.९% (२८.७३ लाख) हिंदू, तर अवघे ०.१% (७.८ हजार) महार हे शीख धर्मीय आहेत.
२०११ मध्ये, अनुसूचित जातींच्या लोकसंख्येत ७६ लाख महार, २६.८ लाख मांग, १६.५ लाख चांभार व २.५ लाख भंगी या समाजाचे लोक आहेत. अनुसूचित जातीत या चार जातींचे एकत्रित प्रमाण ९२% आहे.
अनुसूचित जातीमध्ये बौद्ध धर्म अतिशय वेगाने वाढत आहे. इ.स. २००१ मध्ये भारत देशात ४१.५९ लाख बौद्ध हे अनुसूचित जातीचे होते, तर इ.स. २०११ मध्ये हे प्रमाण ३८% वेगाने वाढून ५७.५६ लाख एवढे झाले आहे. देशातील एकूण अनुसूचित जातीच्या बौद्धांपैकी ५२.०४ लाख (९०% पेक्षा अधिक) महाराष्ट्रात आहेत. महाराष्ट्रात एकूण बौद्ध लोकसंख्येत ७९.६८% अनुसूचित जाती आहे.