मारुती दाजी देवकाते
मारुती दाजी देवकाते (१ जानेवारी, इ.स. १९४१ - १९ जानेवारी, इ.स. २०११; पुणे, महाराष्ट्र) हे मराठी भाषेतील लेखक व मराठी चित्रपटसृष्टीतील संवाद लेखक, गीतकार, पटकथाकार होते. यांनी एकूण ४० वर्षांत सुमारे १५० चित्रपटाच्या पटकथा, संवादलेखन आणि गीतलेखन केले होते.
जीवन
संपादनमारुती दाजी देवकाते मूळचे पुणे जिल्ह्यातल्या बारामती तालुक्यातल्या नीरा-वागज या गावचे होत.
कारकीर्द
संपादनचित्रपट
संपादनचित्रपटाचे नाव | वर्ष (इ.स.) | भाषा | सहभाग |
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जन्म हा तुझ्यासाठी | मराठी | संवादलेखन | |
जय तुळजाभवानी | मराठी | संवादलेखन | |
जवळ ये लाजू नको | इ.स. १९७६ | मराठी | गीतलेखन |
डाळिंबी | मराठी | संवादलेखन | |
थापाड्या | मराठी | संवादलेखन | |
दैवत असे | मराठी | संवादलेखन | |
पटलं तर व्हंय म्हणा | मराठी | संवादलेखन | |
पांडोबा पोरगी फसली | मराठी | संवादलेखन | |
पैजेचा विडा | मराठी | संवादलेखन | |
भटकभवानी | मराठी | संवादलेखन | |
भन्नाट भानू | मराठी | संवादलेखन | |
भाग्यवती मी या संसारी | इ.स. १९७१ | मराठी | गीतलेखन |
भामटा | मराठी | संवादलेखन | |
रंगू बाजारला जाते | मराठी | संवादलेखन | |
सूनबाई ओटी भरून जा | मराठी | संवादलेखन | |
सौभाग्यकंकण | मराठी | संवादलेखन | |
हळद रुसली कुंकू हसलं | इ.स. १९९१ | मराठी | संवादलेखन |
प्रकाशित साहित्य
संपादनभगगवद्गीता व महाभारत या दोन ग्रंथांचे देवकाते यांनी अभंग स्वरूपात केलेले रूपांतर अनुक्रमे अभंगगीता व अभंग महाभारत या नावाने प्रकाशित झाले आहे.
साहित्यकृतीचे नाव | वर्ष (इ.स.) | साहित्यप्रकार | भाषा | प्रकाशन |
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आता तुझी पाळी | मराठी | सुकृत प्रकाशन | ||
कसेल त्याची जमीन | इ.स. २००९ | मराठी | ||
कळप मिळाला मेंढराला | मराठी | प्रतीक प्रकाशन, पुणे | ||
किळस | इ.स. १९६७ | मराठी | तीरंदाज प्रकाशन | |
गीत भीमाचे गाऊ या | मराठी | सुगावा प्रकाशन | ||
थापाड्या | मराठी | सुकृत प्रकाशन | ||
दामिनी | मराठी | सुगावा प्रकाशन | ||
दुभंग | मराठी | त्रिनेत्र प्रकाशन | ||
बळीचा बकरा | मराठी | सुपर्ण प्रकाशन | ||
बुरखा | इ.स. २००८ | मराठी | त्रिनेत्र प्रकाशन | |
बूमरॅंग | मराठी | नंदादीप बुक सर्व्हिसेस | ||
महात्मा जोतिबा फुले | मराठी | प्रतीक प्रकाशन, पुणे | ||
रॅगिंग | मराठी | सुकृत प्रकाशन | ||
रात्र पेटली अंधाराने | मराठी | त्रिनेत्र प्रकाशन |
मा.दा. देवकाते यांचे रचलेली आणि ध्वनिमुद्रित झालेली प्रसिद्ध गीते
संपादन- आली आली हो गोंधळाला... गोंधळाला आई (गायक - मल्लेश)
- गणराजाला करू मुजरा (संगीत - राम कदम; गायक - छोटा गंधर्व; चित्रपट - पुढारी]]
- तुझी साथ हवी रे रोज (संगीत - बाळ पळसुले; गायक - आशा भोसले, सुरेश वाडकर; चित्रपट - डाळिंबी)
- पावना पुन्याचा आलाय् गं (संगीत - विठ्ठल शिंदे; गायिका - सुलोचना चव्हाण)
- मला म्हणत्यात हो पुण्याची मैना (संगीत - विठ्ठल शिंदे, गायिका - रोशन सातारकर)
- माणसा रे माणसा ठेव
- सांग सजणा सांग मला रे
- हे गणनायक सिद्धीविनायक
- हे शिवशंकर गिरिजा
संकीर्ण
संपादनते अखिल भारतीय मराठी चित्रपट महामंडळाचे इ.स. १९७५पासून सक्रिय सदस्य होते. त्यांच्या मृत्यूनंतर बारामती येथे भरलेल्या नवोदित मराठी साहित्य संमेलनासाठी वसंतराव पवार नाट्यगृहाचे रूपांतर "मा .दा .देवकाते साहित्यनगरी" असे करण्यात आले होते.