मकरंद अनासपुरे
मकरंद मधुकर अनासपुरे (२२ जून, इ.स. १९७३; छत्रपती संभाजीनगर, महाराष्ट्र - हयात) हे मराठी चित्रपट, नाटक व दूरचित्रवाणी माध्यमांतील अभिनेते आहेत. मराठवाडी बोलीच्या ढंगातील संवादफेकीसाठी व विनोदी अभिनयासाठी ते प्रसिद्ध आहेत. स. भु. महाविद्यालय छत्रपती संभाजीनगर नाट्यशास्त्र विभागात होतो.
मकरंद अनासपुरे | |
---|---|
जन्म |
मकरंद मधुकर अनासपुरे २२ जून, इ.स. १९७३ बीडकीन, छत्रपती संभाजीनगर ,महाराष्ट्र |
राष्ट्रीयत्व | भारतीय |
कार्यक्षेत्र | अभिनय |
भाषा | मराठी |
प्रमुख चित्रपट | चित्रपट |
पुरस्कार | स्टार स्क्रीन अवार्ड |
काही चित्रपटांचीही त्यांनी निर्मिती केली आहे. ‘डॅबिस’ या चित्रपटाचे पटकथालेखन, दिग्दर्शन व निर्मिती त्यांची आहे.
परिचय
संपादनमकरंद अनासपुरे हे मराठी सिनेसॄष्टीतील आघाडीचा विनोदी अभिनेता आहेत. चित्रपटसृष्टीत येण्यासाठी त्यांनी खूप धडपड केली आहे.. त्यांनी सुरुवातीला मिळतील त्या भूमिका केल्या. मात्र त्याही भूमिका प्रेक्षकांच्या खास लक्षात राहिल्या. शेवटी त्यांना अभिनेता म्हणून चित्रपट मिळत गेले आणि ते प्रसिद्ध होत गेले. चित्रपट जरी चालला नाही तरी त्यांचा अभिनय मात्र नक्कीच लोकांना आवडायला लागला. आज मराठी चित्रपटसृष्टीत सर्वात जास्त मागणी असलेले अभिनेता मकरंद म्हणून अनासपुरेंकडे पाहिले जाते. त्यांनी वेगवेगळ्या चित्रपटांमध्ये विनोदी भूमिकांसह अन्य बहुरंगी भूमिका केल्या आहेत.
कारकीर्द
संपादनदूरचित्रवाणी कार्यक्रम
संपादन- हप्ता बंद
- नाममात्र
चित्रपट
संपादनक्र. | वर्ष (इ.स.) | चित्रपट |
---|---|---|
१ | १९९७ | सरकारनामा |
२ | १९९९ | वास्तव |
३ | २००४ | सातच्या आत घरात |
४ | २००४ | सावरखेड : एक गाव |
५ | २००५ | खबरदार |
६ | २००५ | काय द्याच बोला |
७ | २००६ | शुभमंगल सावधान |
८ | २००६ | नाना मामा |
९ | २००७ | गाढवाचं लग्न (चित्रपट) |
१० | २००७ | जाऊ तिथे खाऊ |
११ | २००७ | तुला शिकवीन चांगला धडा |
१२ | २००७ | अरे देवा |
१३ | २००७ | जबरदस्त |
१४ | २००७ | साडे माडे तीन |
१५ | २००८ | दोघात तिसरा आता सगळ विसरा |
१६ | २००८ | ऑक्सिजन |
१७ | २००८ | फुल ३ धमाल |
१८ | २००८ | उलाढाल |
१९ | २००८ | दे धक्का |
२० | २००९ | मी शिवाजीराजे भोसले बोलतोय |
२१ | २००९ | गल्लीत गोंधळ दिल्लीत मुजरा |
२२ | २००९ | गोष्ट छोटी डोंगराएवढी |
२३ | २००९ | नऊ महिने नऊ दिवस |
२४ | २००९ | निशाणी डावा अंगठा |
२५ | २०१० | मना सज्जना |
२६ | २०१० | बत्ती गुल पावरफुल |
२७ | २०१० | खुर्ची सम्राट |
२८ | २०१० | अगडबम |
२९ | २०१० | तुक्या तुकाविला नाग्या नाचीविला |
३० | २०१० | हापूस |
३१ | २०१० | पारध |
३२ | २०११ | डावपेच |
३३ | २०११ | गुलदस्ता |
३४ | २०११ | दोन घडीचा डाव |
३५ | २०११ | डॅंबिस |
३६ | २०११ | तिचा बाप त्याचा बाप |
३७ | २०१२ | तीन बायका फजिती एका |
३८ | २०१२ | मला एक चानस हवा |
३९ | २०१६ | कापूस कोंड्याची गोष्ट कापूस कोंड्याची गोष्ट |
४० | २०१६ | रांगा पतंगा |
४१ | शकून अपशकून | |
४२ | तो एक राजहंस | |
४३ | तिसरा डोळा | |
४४ | त्याच्या मागावर | |
४५ | शेजार | |
४६ | आमच्या सारखे आम्हीच | |
४७ | टूर टूर | |
४८ | गंगूबाई नॉनमॅट्रीक | |
४९ | जिभेला काही हाड | |
५० | तू तू मैं मैं | |
५१ | गोष्ट छोटी डोंगराएवढी (लेखक) | |
५२ | गल्लीत गोंधळ दिल्लीत मुजरा (लेखक) | |
५३ | डॅंबिस (लेखक/दिग्दर्शक) | |
५४ | २०२३ | यशवंत (परदेशी गुरुजींची भूमिका, पियुष विजय भोंडे यांचा मराठी चित्रपट) |
सामाजिक कार्य
संपादनमकरंद अनासपुरे यांनी सप्टेंबर २०१५ मध्ये अभिनेते नाना पाटेकर याच्या बरोबर नाम फाउंडेशन या धर्मादाय संस्थेची स्थापना केली. या संस्थे अंतर्गत ते महाराष्ट्रातील दुष्काळी भागातील शेतकऱ्यांना मदत करतात.[१]
मकरंद अनासपुरे यांना मिळालेले पुरस्कार
संपादन- बीडच्या रोटरी क्लबचा चंपावतीरत्न पुरस्कार
- बाणेर (पुणे)च्या योगिराज सहकारी पतसंस्थेतर्फे ’योगिराज भूषण पुरस्कार’.(३०-९-२०१५)
- गदिमा प्रतिष्ठानचा गदिमा कलागौरव पुरस्कार (७-१०-२०१५)
- सह्याद्री प्रतिष्ठानचा श्रीराम गोजमगुंडे रंगकर्मी पुरस्कार
संदर्भ
संपादन- ^ "बळीराजासाठी नाना-मकरंदची 'नाम' फाउंडेशन-Maharashtra Times". Maharashtra Times (हिंदी भाषेत). 2018-08-28 रोजी पाहिले.[permanent dead link]
बाह्य दुवे
संपादन- http://epaperdivyamarathi.bhaskar.com/beed/251/26062013/0/1/. Missing or empty
|title=
(सहाय्य)[permanent dead link]
हा लेख/विभाग स्वत:च्या शब्दात विस्तार करण्यास मदत करा. |