पहिला पृथ्वीसेन
पहिला पृथ्वीसेन | |
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वाकाटक घराण्याचा राजा | |
राज्य कारकीर्द | c. ३५५ – c. ३८० इ.स. |
Predecessor | रुद्रसेन |
उत्तराधिकारी | रुद्रसेन दुसरा |
House | वाकाटक राजवंश |
वाकाटक राजवंश २५०-५०० इ.स. | |
विंध्यशक्ती | (२५०–२७०) |
प्रवरासेन पहिला | (२७०–३३०) |
प्रवरापुर – नंदीवर्धन शाखा | |
रुद्रसेन | (३३०-३५५) |
पहिला पृथ्वीसेन | (३५५–३८०) |
रुद्रसेन दुसरा | (३८०–३८५) |
प्रभावतीगुप्त (रीजेन्ट) | (३८५-४०५) |
दिवाकरसेन | (३८५–४००) |
दामोदरसेन | (४००–४४०) |
नरेंद्रसेन | (४४०-४६०) |
पृथ्वीसेन दुसरा | (४६०–४८०) |
वत्सगुल्मा शाखा | |
सर्वसेन | (३३०-३५५) |
विंध्यसेन | (३५५–४००) |
प्रवरसेन दुसरा | (४००–४१५) |
अज्ञात | (४१५–४५०) |
देवसेन | (४५०-४७५) |
हरिसेन | (४७५–५००) |
पृथ्वीसेन पहिला (इ.स. ३५५ - इ.स. ३८० ) हा वाकाटक राजवंशाच्या प्रवरापूर-नंदीवर्धन शाखेतील एक राजा होता. नंतरच्या वाकाटक शिलालेखात, त्यांचे वर्णन सरळपणा, प्रामाणिकपणा, नम्रता, करुणा आणि मनाची शुद्धता गुण असलेला राजा असे आहे आणि महाभारताच्या युधिष्ठिराशी या राज्याची तुलना केली आहे. त्यांनी पृथ्वीसेनला एक नीतिमान विजेता असेही म्हणतात. [१]
संदर्भ
संपादन- ^ Singh, Upinder (2009). A history of ancient and early medieval India : from the Stone Age to the 12th century. New Delhi: Pearson Longman. p. 482. ISBN 978-81-317-1677-9. 10 August 2016 रोजी पाहिले.