दिनकर द. पाटील
दिनकर द. पाटील (नोव्हेंबर ६, १९१५ - ऑक्टोबर २३, २००५) हे मराठी चित्रपटदिग्दर्शक, कथालेखक, पटकथाकार होते.
जन्म | नोव्हेंबर ६, १९१५ |
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मृत्यू |
ऑक्टोबर २३, २००५ कोल्हापूर, महाराष्ट्र, भारत |
राष्ट्रीयत्व | भारतीय |
कार्यक्षेत्र | चित्रपटः दिग्दर्शन, पटकथालेखन, कथालेखन |
भाषा | मराठी |
जीवन
संपादनदिनकर द. पाटलांचा जन्म नोव्हेंबर ६, १९१५ रोजी बेळगाव जिल्ह्याच्या चिक्कोडी तालुक्यातील बेनाडी गावी झाला. त्यांचे शालेय शिक्षण बेनाडीतच झाले. शालेय शिक्षणानंतर इ.स. १९४० च्या सुमारास त्यांनी कोल्हापुरात वृत्तपत्रांमधून लेखन आरंभले. १९४१ साली त्यांनी मास्टर विनायकांच्या 'हंस पिक्चर्स' चित्रपटकंपनीत नोकरीस लागले. इ.स. १९४७ सालापर्यंत ते 'हंस पिक्चर्स'मध्ये कामास होते. वामनराव कुलकर्णी व विष्णूपंत चव्हाण यांच्या 'मंगल पिक्चर्स'च्या 'जय मल्हार' चित्रपटाकरता संवाद लिहिण्यानिमित्ताने त्यांचे नाव चित्रपटसृष्टीत पहिल्यांदा ठळकपणे प्रसिद्धीस आले. पाच दशके चित्रपटकारकीर्द अनुभवलेल्या पाटलांनी शंभराहून अधिक चित्रपटांकरता संवाद लिहिले तर पन्नासाहून अधिक चित्रपटांचे दिग्दर्शन केले.
कारकीर्द
संपादनचित्रपट
संपादनचित्रपट | वर्ष (इ.स.) | भाषा | सहभाग |
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जय मल्हार | मराठी | संवाद | |
सांगत्ये ऐका | मराठी | ||
बेल-भंडारा | मराठी | ||
शिकलेली बायको | मराठी | ||
बाळ माझं नवसाचं | मराठी | ||
सुधारलेल्या बायका | मराठी | ||
पाटलाची सून | मराठी | ||
फटाकडी | मराठी | ||
कुंकवाचं लेणं | मराठी | ||
गुणवंताची कन्या | मराठी | ||
मोसंबी नारंगी | मराठी | ||
मंदिर | १९४८ | हिंदी | दिग्दर्शन |
रामराम पावणं | १९५० | मराठी | दिग्दर्शन |
शारदा | १९५१ | मराठी | दिग्दर्शन |
पाटलाचं पोर | १९५१ | मराठी | दिग्दर्शन |
मायबहिणी | १९५२ | मराठी | दिग्दर्शन |
घरबार | १९५३ | हिंदी | दिग्दर्शन |
तर्क | १९५४ | मराठी | दिग्दर्शन |
मूठभर चणे | १९५५ | मराठी | दिग्दर्शन |
कुलदैवत | १९५५ | मराठी | दिग्दर्शन |
दिसतं तसं नसतं | १९५६ | मराठी | दिग्दर्शन |
नवरा म्हणू नये आपला | १९५७ | मराठी | दिग्दर्शन |
देव जागा आहे | १९५७ | मराठी | दिग्दर्शन |
उमज पडेल तर | १९६० | मराठी | दिग्दर्शन |
भैरवी | १९६० | मराठी | दिग्दर्शन |
माझी आई | १९६१ | मराठी | दिग्दर्शन |
वरदक्षिणा | १९६२ | मराठी | दिग्दर्शन |
प्रेम आंधळं असतं | १९६२ | मराठी | दिग्दर्शन |
बाप माझा ब्रह्मचारी | १९६२ | मराठी | दिग्दर्शन |
ते माझे घर | १९६३ | मराठी | दिग्दर्शन |
मल्हारी मार्तंड | १९६५ | मराठी | दिग्दर्शन |
कामापुरता मामा | १९६५ | मराठी | दिग्दर्शन |
सुरंगा म्हन्त्यात मला | १९६७ | मराठी | दिग्दर्शन |
धन्य ते संताजी धनाजी | १९६८ | मराठी | दिग्दर्शन |
काळी बायको | १९७० | मराठी | दिग्दर्शन |
कोर्टाची पायरी | १९७० | मराठी | दिग्दर्शन |
मीही माणूसच आहे | १९७१ | मराठी | दिग्दर्शन |
अधिकार | १९७१ | मराठी | दिग्दर्शन |
कुंकू माझं भाग्याचं | १९७२ | मराठी | दिग्दर्शन |
जोतिबाचा नवस | १९७५ | मराठी | संवाद, पटकथा |
पैजेचा विडा | १९७९ | मराठी | संवाद |
सूनबाई, ओटी भरून जा | १९७९ | मराठी | दिग्दर्शन |
सुळावरची पोळी | १९८० | मराठी | दिग्दर्शन |
सवत | १९८० | मराठी | दिग्दर्शन |
मंत्र्याची सून | १९८० | मराठी | दिग्दर्शन |
कुंकवाचा टिळा | १९८१ | मराठी | दिग्दर्शन |
सुलक्षणा | १९८२ | मराठी | दिग्दर्शन |
भामटा | १९८२ | मराठी | दिग्दर्शन |
भटकभवानी | १९८७ | मराठी | दिग्दर्शन |
शिवरायाची सून ताराराणी | १९९३ | मराठी | दिग्दर्शन |