मुळशी धरण
मुळशी धरण हे पुणे जिल्ह्यातील मुळा नदीवरील धरण आहे.[१]
धरणातील पाणी सिंचनासाठी तसेच टाटा पॉवरद्वारे चालवल्या जाणाऱ्या भिरा जलविद्युत प्रकल्पात वीज निर्मितीसाठी वापरले जाते. या केंद्रावर १९२७ मध्ये बसवलेल्या सहा २५ मेगावॅट क्षमतेच्या पेल्टन टर्बाइन आणि १५० मेगावॅट क्षमतेचे एक पंप्ड स्टोरेज युनिट चालवले जाते. कृष्णा नदीच्या खोऱ्यात असलेल्या या जलाशयातील पाणी जलविद्युत निर्मितीसाठी भिरा पॉवर हाऊसमध्ये वळवले जाते. तयार होणारी वीज मुंबई शहराला पुरविली जाते.
धरण आणि वीज केंद्राच्या बांधकामादरम्यान धरण विरोधात सत्याग्रह करण्यात आला (एप्रिल १९२१ ते डिसेंबर १९२४). विनायक भुस्कुटे[२] आणि पांडुरंग महादेव बापट यांनी मुळशी सत्याग्रहाचे नेतृत्व केले, ज्या शेतकऱ्यांची जमीन प्रकल्प बांधण्यासाठी घेण्यात आली होती त्यांचे प्रतिनिधित्व करण्यासाठी ही चळवळ होती. त्यांच्या नेतृत्वाची दखल घेऊन पांडुरंग महादेव बापट यांना सेनापती (सेनापती) असे नाव देण्यात आले.[३][४]
मूळशी धरण बांधून १०० वर्षे जरी होऊन गेली तरी धरणग्रस्तांच्या अनेक मागण्या अजूनही प्रलंबित आहेत. [५]
१९३७ मध्ये सरकार आणि टाटा पॉवर कंपनी यांच्यात भूसंपादन कायदा (१८९४) अंतर्गत झालेल्या करारानुसार, अधिग्रहित जमीन आणि भरपाई खालीलप्रमाणे होती [६]:
अ. क्र. | गावाचे नाव | क्षेत्रफळ-एकर | क्षेत्रफळ-गुंठे | भरपाई (रु) |
---|---|---|---|---|
1 | अडगाव | 234 | 15 | 12180 |
2 | अहरवाडी | 353 | 39 | 36789 |
3 | अकसाई | 295 | 36 | 47857 |
4 | अंबवणे | 082 | 23 | 03628 |
5 | अवळस | 811 | 1 | 156747 |
6 | बर्पे (बु.) | 606 | 39 | 62396 |
7 | बर्पे (खु.) | 355 | 19 | 39271 |
8 | भडस (खु.) | 372 | 12 | 65132 |
9 | भांभुर्डे (खु.) | 062 | 14 | 4610 |
10 | भोरकस | 640 | 5 | 122805 |
11 | चाचीवली | 240 | 20 | 58236 |
12 | चांदिवली | 51 | 35 | 11781 |
13 | दावडी | 43 | 35 | 8000 |
14 | देवळोली | 380 | 7 | 65742 |
15 | घांगोळ | 59 | 25 | 11367 |
16 | गोणावाडी | 211 | 25 | 67562 |
17 | कुंभेरी | 380 | 39 | 29351 |
18 | माले | 32 | 39 | 3048 |
19 | मोहोरी | 411 | 18 | 85241 |
20 | मुळापूर | 504 | 35 | 70575 |
21 | मूळशी (बु.) | 517 | 8 | 98439 |
22 | मूळशी (खु.) | 383 | 28 | 59320 |
23 | नांदीवली | 384 | 00 | 120146 |
24 | नानीवली | 254 | 19 | 64770 |
25 | निंबरवाडी | 201 | 21 | 41524 |
26 | नीवे | 143 | 18 | 39195 |
27 | निवरवंडे | 281 | 21 | 66138 |
28 | पळसे | 212 | 10 | 52785 |
29 | परीटवाडी | 190 | 29 | 31427 |
30 | पिंपरी | 157 | 19 | 12516 |
31 | पोमगाव | 134 | 6 | 29399 |
32 | सांभवे | 64 | 9 | 5766 |
33 | सांगवी | 160 | 11 | 27843 |
34 | सारुळे | 310 | 17 | 67524 |
35 | शेडानी | 703 | 6 | 194960 |
36 | शिरगाव | 237 | 7 | 66386 |
37 | शिरोळी | 587 | 33 | 126004 |
38 | ताम्हिनी (बु.) | 184 | 33 | 18270 |
39 | ताम्हिनी (खु.) | 215 | 22 | 27884 |
40 | तिस्करी | 207 | 35 | 9056 |
41 | तिस्ता | 145 | 13 | 20122 |
42 | वडगाव | 485 | 29 | 84501 |
43 | वडवाठार | 540 | 36 | 111668 |
44 | वेल्होळी | 231 | 15 | 31604 |
45 | वडस्ते | 676 | 27 | 112259 |
46 | वळणे | 708 | 11 | 156530 |
47 | वांद्रे | 241 | 2 | 31292 |
48 | वारक | 379 | 35 | 85412 |
एकूण संपादित जमीन १५०७३ एकर आणि ३५ गुंठे होती, ज्याची भरपाई २७,५५,०८२ रुपये देण्यात आली.
याशिवाय, घरे, झाडे आणि मंदिरांसाठी भरपाई म्हणून ३७७,४०३ रुपये देण्यात आले.
अशा प्रकारे, एकूण भरपाई ३,१३२,४८५ रुपये देण्यात आली.
पर्यटन
संपादनअलिकडच्या वर्षांत मुळशी आणि आसपासच्या परिसरांना पर्यटन स्थळ म्हणून विकसित केले गेले व त्यामुळे मनोरंजनासाठी येणाऱ्या पाहुण्यांसाठी निवास व्यवस्था वाढली आहे. हे ठिकाण पुण्यापासून सुमारे २ तासांच्या अंतरावर आहे आणि आठवड्याच्या शेवटी सुटी घालवण्यासाठी ते एक प्रमुख आकर्षण आहे. मुळशीला भेट देण्यासाठी वर्षातील सर्वोत्तम वेळ ऑगस्ट ते ऑक्टोबर असतो.
अन्य वाचनासाठी
संपादनमुळशी धरणग्रस्तांच्या समस्येवर पुणे विद्यापीठाच्या राज्यशास्त्र विभागाचे माजी प्रमुख राजेंद्र व्होरा यांनी 'वल्ड्स फस्ट ॲन्टी डॅम मूव्हमेंट' हे पुस्तक लिहिलेले आहे.
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- ^ "Mulshi_Dam_D03170". 14 July 2018 रोजी मूळ पान पासून संग्रहित. 2 November 2015 रोजी पाहिले.
- ^ Bhuskute, Vinayak (2021). मूळशी सत्याग्रह. सह्याद्री प्रकाशन, मुळशी. p. 5.
- ^ Gadgil, Madhav; Guha, Ramachandra (2013). Ecology and Equity: The Use and Abuse of Nature in Contemporary India. Routledge. p. 69. ISBN 9781135634889.
- ^ Cashman, Richard I. (1975). The Myth of the Lokamanya: Tilak and mass politics in Maharashtra. University of California. p. 190. ISBN 9780520024076.
- ^ पवार, अनिल (२०२४). पवार, अनिल (ed.). सह्याद्रीचे अश्रू. कृष्णा पब्लिकेशन्स, पुणे. p. ७४८. ISBN 9788194975014.
- ^ Vora, Rajendra; Vora, Rajendra (2009). The world's first anti-dam movement the Mulshi satyagraha, 1920-1924. Permanent Black, Distributed by Orient BlackSwan. p. 192.