कृत्रिम भाषा
कृत्रिम भाषा किंवा नियोजित भाषा ही एक अशी भाषा असते जिचे उच्चारशास्त्र, व्याकरण व व्याकरण हे नैसर्गिकरित्या तयार झालेले नसून संपूर्ण मानवनिर्मित असते. ह्यास मानवनिर्मित भाषा असेही म्हणले जाते. कृत्रिम भाषा निर्माण करण्यासाठी अनेक हेतू असू शकतात, उदा. सुलभ व सोपा संवाद, काल्पनिक जगनिर्मिती, प्रयोग इत्यादी.
जुलै २०११ मधील एका पाहणीनुसार एस्पेरांतो, इंटरलिंग्वा व क्लिंगॉन ह्या जगातील तीन सर्वाधिक वापरात असलेल्या कृत्रिम भाषा होत्या.
यादी
संपादनखालील यादीमध्ये आय.एस.ओ. ६३९ ह्या प्रमाणाने मान्यता दिलेल्या कृत्रिम भाषा दिल्या आहेत.
भाषेचे नाव | ISO | प्रथम वापर | निर्मिता |
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व्होलाप्युक | vo, vol | 1879–1880 | योहान मार्टिन श्लेयर |
एस्पेरांतो | eo, epo | 1887 | एल.एल. झामेनहॉफ |
इदो | io, ido | 1907 | एस्पेरांतो भाषिकांचा एक समूह |
ऑक्सिडेंटल | ie, ile | 1922 | एड्गर दे वाह्ल |
नोव्हियल | nov | 1928 | ओट्टो जेस्परसन |
इंटरलिंग्वा | ia, ina | 1951 | इंटरनॅशनल ऑक्झिलियरी लॅंग्वेज असोसिएशन |
लिंग्वा फ्रांका नोव्हा | lfn | 1998 | सी. जॉर्ज बोएरी |
बाह्य दुवे
संपादन- कोन्लाग ॲटलास Archived 2008-06-18 at the Wayback Machine.