साचा:ब्राह्मण समाज
कामचालू
प्रादेशिक प्रभेदानुसार | पंचगौड (सारस्वत · · कान्यकुब्ज · · गौड · · उत्कल व मिथिल) · · पंचद्रविड (महाराष्ट्रीय · · आंध्र किंवा तेलगु · · द्राविडी · · कानडी व गुजराथी) |
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महाराष्ट्रीय | (१) वित्पावन किंवा कोंकणस्थ · · (२) देशस्थ · · (३) क-हाडे · · (४) देवरूखे · · (५) काण्व · · (६) मैत्रायणी · · (७) सामवेदी · · (८) गोवर्धन · · (९ ) जवळ किंवा खोत · · (१०) कास्त · · (११) किरवन्त किंवा क्रमवंत · · (१२) पळशे · · (१३) सवाशे · · (१४) तिरंगुळ किंवा त्रिगर्त · · (१५) चरक · · (१६) माध्यंदिन · · (१७) जाबाल उर्फ, नार्मद · · (१८) अभीर · · (१९) सोपार · · (२०) खिस्ती · · (२१) हुसेनी · · (२२) कलंकी · · |
गुजराथी ब्राह्मण | .(१) अनावल, (२) औदीच्य, (३) बलं, (४) भार्गव, (५) भोजक, (६) बोरसाद, (७) खोवीस, (८) दधीच, (९) देसावल, (१०) गयावळ, (११) गिरनारा, (१२) गोंतीवाल, (१३) गोगली , (१४) हरसोला, (१५) जंबु, (१६) झालोरा, (१७) कंडोला, (१८) कपील, (१९) खदायता, (२०)खेडावल, (२१) मेवाड, (२२) मोढ, (२३) मोताला, (२४) नागर, (२५) नंदवाना, (२६) नंदोरा, (२७) नापल, (२८) पालिवाल, (२९) परजिआ , (३०) पुष्करणा, (३१) रायकवाल, (३२) रायस्थल, (३३) रूंडवाल, (३४) साछोरा, (३५) साजोद्रा, (३६) सारस्वत, (३७) सेवक, (३८) श्रीगौड, (३९) श्रीमाळी, (४०) सोमपुरा, (४१) सोरठिआ, (४२) तपोधन, (४३) उदंबरा, (४४) उन्बाल, (४५) वदाद्रा, (४६) वायदा, (४७) वेदांत |
आंध्र उर्फ तेलगू | वर्णशालु, कमरूकुलु कर्णमक्कळु, माध्यंदिन, तैलंग, मुरकनाडु, आराध्य, याज्ञवल्क्य, कासरनाडु , वेलनाडु, वेंगिनाडु, वेदिनाडु, तैलंगसामवेदी, रामानुज, माघ्व, नियोगी. |
द्राविडांच्या पोटजाती- | .ॠग्वेदी, कृष्णयजुर्वेदी, शुक्लयजुर्वेदी, सामवेदी, द्राविडअथर्ववेदी |
कर्नाटिकांच्या पोटजाती- | कुमे, नागर, कोंकणी, हुबु, गौकर्ण, हविक्, तुलव, अम्मकोडग उर्फ कावेरी, नंबुद्री, पोट्टी, मुत्तडु, एलेडु, पट्टर |
पंचगौड ब्राह्मणांच्या पोटजाती- | सारस्वत, (महाराष्ट्र ,पंजाब, सिंध, वगैरे )-श्रीकार, बारी, उर्फ बरोवी, रावणजाही शेतपाल, कुवचंद, पोखर्ण, कुडाळदेशकर, इत्यादि . कान्यकुब्ज, उर्फ कनोजी (संयुक्तप्रांत)-मिश्र, शुक्ल, दुबे, पाठक, पांडे, उपाध्ये, चोबे, दीक्षित, वाजपेयी, सर्वरिया इत्यादि. गौड (बंगाल व बिहार)-राधाकुलीन, भंगकुलीन, वौशज, राधीयश्रोत्रीय, वरेंद्र, सत्पशती, वैदिक, अग्रधानी, मैरपोर, रपली, दैवज्ञ, मध्यदोषी, व्यासोक्त, पीरआली, इत्यादी. उत्कल (ओरिसा)-शाशनी, श्रोत्रीय, पंडे, घातीय, महास्थान, कलिंग, इत्यादि. मैथिल-(तिर्हुत, सारण, पुरणिया हे जिल्हे आणि नेपाळनजीकचा प्रदेश), ओझा, ठाकूर, मिश्र, पूर, श्रोत्रीय, भुइहर |
आधुनिक कालीन लोकगायन |