"शिव तांडव स्तोत्र" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक
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ओळ ६६:
॥ इति रावणकृतं शिव ताण्डवस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥</div>
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जटाटवी-गलज्जल-प्रवाह-पावित-स्थले गलेऽव-लम्ब्य-लम्बितां-भुजंग-तुंग-मालिकाम् डमड्डमड्डमड्डम-न्निनादव-ड्डमर्वयं चकार-चण्ड्ताण्डवं-तनोतु-नः शिवः शिवम् ॥१॥
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