2409:4042:2E25:44E5:91EC:F341:9777:303F साठी सदस्य-योगदान

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१९ जून २०२३

  • २१:२७२१:२७, १९ जून २०२३ फरक इति +३५ गहूथा जहाँ कहना वहां कह न पाये उम्र भर, 🙈 कागज़ों पर यूँ शेर लिखना बेज़ुबानी ही तो है। 🙌💐🙂🌼 अब भी इल्जाम-ए-मोहब्बत है हमारे सिर पर, 🌥 अब तो बनती भी नहीं यार हमारी उसकी। 🌷😎🌥🙂 वो एक ख़त जो उसने कभी लिखा ही नहीं, 🙈 मैं रोज बैठ कर उसका जवाब लिखता हूँ। 🥺🌻🙏😊 रंज़िश ही सही दिल को दुखाने के लिए आ, 🌼 आ फिर से मुझे छोड़ जाने के लिए आ। 🌼😲🌈👌 इक झलक देख लें तुझको तो चले जाएंगे, 🙈 कौन आया है यहाँ उम्र बिताने के लिए। 😲🙌🙈😲 - via bkb.ai/shayari खूणपताका: Reverted :( रोमन लिपीत मराठी ? दृश्य संपादन मोबाईल संपादन मोबाईल वेब संपादन