राग अल्हैया बिलावल हा हिंदुस्तानी संगीतातील एक राग आहे.

राग  अल्हैया  बिलावल  


राग परिचय –


थाट-बिलावल                             मेलकर्ता धीरशंकराभरण

स्वर- सर्व स्वर शुद्ध फक्त अवरोहात कोमल निषादाचा थोडा वापर केला जातो; सा, रे, ग, म,प, ध,  नि,नि ;         

गांधार व निषाद हे स्वर वक्र असतात;,        जाती - वक्र संपूर्ण;           उत्तरांग प्रधान

वादी - ध , संवादी -  ग;

आरोह - सा, रे, ग रे, ग प, ध,नि ध,नि सां;             

अवरोह - सां ,नी ध प, ध नि ध प, म ग , म रे, सा;

पकड - ग रे, ग प, ध,नि सां;    

गानसमय - सकाळचा  पहिला  प्रहर

रागांग- बिलावल; अल्हैया  बिलावल  हा बिलावल थाटाचा आश्रय राग आहे.


विशेष स्वर समूह- ग रे, ग प, म ग, म रे, सा; पनी धनी ; सां ध प म ग;  प ध ग प म ग ; ग मनी ध प; सां धनी प;      धनी ध प. म ग, म रे, सा

विशेष माहिती - बिलावल अंगाचा समावेश करून  इतर काही रागांच्या मिश्रणातून काही राग निर्माण झाले आहेत  - जसे; यमनी बिलावल , देवगिरी बिलावल, शुक्ल बिलावल,  सरपरदा बिलावल,  कुकुभ  बिलावल,  नट बिलावल .