चंद्रसेन वासुदेव दुर्वे
चंद्रसेन वासुदेव दुर्वे ऊर्फ लालू दुर्वे (जन्मदिनांक अज्ञात - इ.स. २०१३) हे मराठीतील शिकारकथांसाठी व वन्य जीवनाविषयीच्या लिखाणासाठी ओळखले जाणारे साहित्यिक व शिकारी होते.
चंद्रसेन वासुदेव दुर्वे | |
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जन्म नाव | चंद्रसेन वासुदेव दुर्वे |
टोपणनाव | लालू दुर्वे |
मृत्यू | इ.स. २०१३ [१] |
कार्यक्षेत्र | साहित्य, शिकार, वन्य जीवाभ्यास |
भाषा | मराठी |
प्रकाशित साहित्य
संपादननाव | साहित्यप्रकार | प्रकाशन | प्रकाशन वर्ष (इ.स.) | टिप्पणी |
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अरण्योत्सव | ||||
मृगयामित्र | ||||
निसर्गोपनिषद | ||||
पक्ष्यांविषयी अशी | ||||
ॲनिमल आर्क | अनुभवकथन | नवचैतन्य प्रकाशन | ||
फ्रँक बकच्या सफरी | अनुवादित | लोकवाङ्मय गृह | ||
रानावनातील गोष्टी | अनुवादित | |||
शिकारीचे दिवस | अनुवादित | नवचैतन्य प्रकाशन | जे. ई. कॅरिंग्टन टर्नर यांच्या "मॅन-ईटर्स अँड मेमरीज" पुस्तकाचा अनुवाद | |
आठवणीतल्या शिकारकथा | नवचैतन्य प्रकाशन | |||
टायगर डेज | अनुवादित | दिलीप प्रकाशन | ||
कॉल ऑफ द टायगर | अनुवादित | आरती प्रकाशन |
मृत्यू
संपादनदुर्वे यांचे इ.स. २०१३ साली वयाच्या ८६व्या वर्षी निधन झाले [१].
संदर्भ व नोंदी
संपादन- ^ a b शिधये, श्रीराम. "शिकारी-लेखक". २४ ऑगस्ट, इ.स. २०१३ रोजी पाहिले.
|ॲक्सेसदिनांक=
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