१९६२ लोकसभा निवडणुका
१९६२ लोकसभा निवडणुका ह्या तिसऱ्या लोकसभेचे सदस्य निवडण्यासाठी भारतात १९ ते २५ फेब्रुवारी १९६२ दरम्यान झाल्या. मागील दोन निवडणुकांच्यापेक्षा वेगळे म्हणजे ह्या वेळी प्रत्येक मतदारसंघाने एकच सदस्य निवडला.[१]
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प्रकार | भारतीय सार्वत्रिक निवडणुका | ||
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स्थान | भारत | ||
कार्यक्षेत्र भाग | भारत | ||
तारीख | फेब्रुवारी २५, इ.स. १९६२ | ||
आरंभ वेळ | फेब्रुवारी १९, इ.स. १९६२ | ||
शेवट | फेब्रुवारी २५, इ.स. १९६२ | ||
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यशस्वी उमेदवार | |||
उमेदवार | |||
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जवाहरलाल नेहरूंनी त्यांच्या तिसऱ्या आणि शेवटच्या निवडणूक प्रचारात आणखी एक मोठा विजय मिळवला. भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेसला ४४.७% मते मिळाली आणि ४९४ पैकी ३६१ जागा जिंकल्या. मागील दोन निवडणुकांपेक्षा हे प्रमाण थोडे कमी होते आणि तरीही त्यांनी लोकसभेच्या ७०% पेक्षा जास्त जागा जिंकल्या.
निकाल
संपादनराजकीय पक्ष | मते | जागा | |
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भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस | ५,१५,०९,०८४ | ३६१ | |
भारतीय कम्युनिस्ट पक्ष | १,१४,५०,०३७ | २९ | |
स्वतंत्र पक्ष | ९०,८५,२५२ | १८ | |
भारतीय जनसंघ | ७४,१५,१७० | १४ | |
प्रजा सोशलिस्ट पक्ष | ७८,४८,३४५ | १२ | |
द्रविड मुन्नेत्र कळघम | २३,१५,६१० | ७ | |
सोशलिस्ट पार्टी (भारत) | ३०,९९,३९७ | ६ | |
अखिल भारतीय गणतंत्र परिषद | ३,४२,९७० | ४ | |
भारतीय रिपब्लिकन पक्ष | ३२,५५,९८५ | ३ | |
शिरोमणी अकाली दल | ८,२९,१२९ | ३ | |
झारखंड पक्ष | ४,६७,३३८ | ३ | |
अखिल भारतीय फॉरवर्ड ब्लॉक | ८,२६,५८८ | २ | |
अखिल भारतीय राम राज्य परिषद | ६,८८,९९० | २ | |
क्रांतिकारी समाजवादी पक्ष | ४,५१,७१७ | २ | |
इंडियन युनियन मुस्लिम लीग | ४,१७,७६१ | २ | |
लोक सेवा संघ | २,८१,७५५ | २ | |
हिंदू महासभा | ७,४७,८६१ | १ | |
नूतन महा गुजरात जनता परिषद | १,९५,८१२ | १ | |
हरियाणा लोक समिती | १,१८,६६७ | १ | |
ऑल पार्टी हिल लीडर्स कॉन्फरन्स | ९१,८५० | १ | |
अपक्ष | १,२७,२२,४८८ | २० | |
नामांकित | - | १४ | |
वैध मते | ११,५१,६८,८९० | ५०८ | |
अवैध मते | ४७,३५,३९४ | - | |
एकूण मते | ११,९९,०४,२८४ | - | |
वैध मतदार | २१,६३,६१,५६९ | - |
चौदा सदस्यांची नामांकनाने नियुक्ती करण्यात आली. जम्मू आणि काश्मीरचे प्रतिनिधित्व करणारे सहा, अँग्लो-इंडियन्सचे प्रतिनिधीत्व करणारे दोन, लक्षद्वीपचे प्रतिनिधित्व करणारे एक, अंदमान आणि निकोबार बेटांचे प्रतिनिधित्व करणारे एक, दादरा आणि नगर-हवेलीचे प्रतिनिधित्व करणारे एक, गोवा दमण आणि दीवचे प्रतिनिधित्व करणारे एक, नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर एजन्सीचे प्रतिनिधित्व करणारे एक, आणि तुएनसांग व नागा हिल्सचे प्रतिनिधित्व करणारे एक.
पोटनिवडणूक
संपादन१९६२ मधील मध्य प्रदेश राज्यातील बिलासपूर लोकसभा जागेसाठीच्या निवडणूका मध्य प्रदेश उच्च न्यायालयाने रद्दबातल घोषित केली. बशीर अहमद कुरेशी या उमेदवाराचा अर्ज "रिटर्निंग ऑफिसरने अयोग्य आणि बेकायदेशीरपणे फेटाळले होते" असा निकाल न्यायालयाने दिला होता.[२]१९६३ मध्ये येथे पोटनिवडणूक झाली. ही निवडणूक भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेसचे उमेदवार सी. सिंग यांनी ८६,२२९ मतांनी जिंकली, तर जनसंघाचे एम.एल. शुक्ला यांना ५४,१५६ मते मिळाली.[३]
संदर्भ
संपादन- ^ "Statistical Report On General Elections, 1962 To The Third Lok Sabha" (PDF). Election Commission of India. 18 July 2014 रोजी मूळ पान (PDF) पासून संग्रहित. 30 April 2014 रोजी पाहिले.
- ^ P. Dixit; K. Pandey (22 April 1963). "Satya Prakash vs Bashir Ahmed Qureshi". 27 October 2021 रोजी मूळ पानापासून संग्रहित. 15 October 2021 रोजी पाहिले.
our conclusion is that the respondent's nomination was improperly and illegally rejected by the Returning Officer and the Election Tribunal rightly declared the appellant's election as void.
- ^ "Details of Bye Elections from 1952 to 1995". ECI, New Delhi. 19 July 2017 रोजी मूळ पानापासून संग्रहित. 13 September 2017 रोजी पाहिले.