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*<small>ता.क.:पुढील नियम आपल्या सदस्य पानावर किंवा चर्चा पानावर एका वेळी एक पहाण्या करिता '''<nowiki>{{शुद्धलेखन}}</nowiki>''' हा साचा लावावा.</small>
: मराठी भाषेत ऍ हे अक्षर वापरत नाही, त्या ऐवजी
: कृपया संगणकावर मराठी कसे वापरावे , क्ष | ज्ञ |
हे अठरा नियम पुढीलप्रमाणे आहेत-
[[अनुस्वार]]
===नियम २.१===
य्, र्, ल्, व्, श्, ष्, स्, ह् यांच्यापूर्वी
*उदाहरणार्थ: संयम, संरचना, संलग्न, संवाद, दंश, दंष्ट्रा, मांस, सिंह, संज्ञा' हे शब्द 'संय्यम, संव्रचना, संल्लग्न, संव्वाद, दंव्श, दंव्ष्ट्रा, मांव्स, सिंव्ह, संव्ज्ञा' असे लिहू नयेत.
===नियम ५.५===
[[समास|सामासिक शब्द]] लिहिताना [[समास|समासाचे]] [[पूर्वपद]] (पहिला शब्द) [[तत्सम]] [[
* उदाहरणार्थ: बुद्धि -बुद्धिवैभव, लक्ष्मी -लक्ष्मीपुत्र.
[[साधित शब्द|साधित शब्दांनाही]] हाच नियम लावावा.
===नियम ५.६===
*'विद्यार्थिन्, गुणिन्, प्राणिन्, पक्षिन्' या सारखे [[इन्-अन्त शब्द]] [[मराठी|मराठीत]] येतात तेव्हा त्यांच्या शेवटी असलेल्या न् चा [[लोप]] होतो व [[उपान्त्य]] [[
** उदाहरणार्थ
विद्यार्थिमंडळ , गुणिजन, [[प्राणिसंग्रह]], स्वामिभक्ती, [[पक्षिमित्र]], [[योगिराज]].
==नियम ६==
*[[
[[मराठी]] [[शब्द|शब्दातील]] शेवटचे अक्षर [[दीर्घ]] असेल तर त्याचा [[उपान्त्य]] (म्हणजेच शेवटच्या अक्षराच्या अलीकडचा) [[इकार]] किंवा [[उकार]] [[
* उदाहरणार्थ किडा, विळी, पिसू, इथे, निघो, फुगा, खुनी, सुरू, कुठे, उठो.
** मात्र तत्सम [[शब्द|शब्दांना]] हा नियम लागू नाही. [[तत्सम]] शब्दातील [[उपान्त्य]] [[इकार]] किंवा [[उकार]] मुळाप्रमाणे [[
* उदाहरणार्थ: पूजा, गीता, अनुज्ञा, दक्षिणा
==नियम ७==
*[[
===नियम ७.१===
[[मराठी]] [[अ-कारान्त]] [[शब्द|शब्दाचे]] [[उपान्त्य]] [[इकार]] व [[उकार]] [[दीर्घ]] लिहावेत.
* उदाहरणार्थ: कठीण, नीट, रतीब, विहीर, ऊस, चिरूट, तूप, मूल.
[[तत्सम]](मुळात [[संस्कृत]] असलेल्या) [[अ-कारान्त]] शब्दांतील उपान्त्य इकार व उकार
* उदाहरणार्थ: [[गणित]], विष, गुण, मधुर, दीप, [[न्यायाधीश]], रूप, [[व्यूह]]
===नियम ७.२===
[[मराठी]] [[शब्द|शब्दांतील]] [[अनुस्वार]],[[विसर्ग]],किंवा [[जोडाक्षर]], यांच्या पूर्वीचे [[इकार]] व [[उकार]] सामान्यत: [[
*उदाहरणार्थ: [[चिंच]], [[डाळिंब]], [[भिंग]], [[खुंटी]], [[पुंजका]], [[भुंगा]], छि:, थु:, [[किल्ला]], भिस्त, विस्तव, [[कुस्ती]], पुष्कळ, मुक्काम.
परंतु [[तत्सम]] शब्दांत ते मुळाप्रमाणे [[
*उदाहरणार्थ: अरविंद, चिंतन, [[कुटुंब]], [[चुंबक]], [[नि:पक्षपात]], नि:शस्त्र, [[
==नियम ८==
*[[
===नियम ८.१===
उपान्त्यी दीर्घ ई किंवा ऊ असलेल्या मराठी शब्दांचा उपान्त्य ई-कार किंवा ऊ-कार [[उभयवचनी सामान्यरूप|उभयवचनी सामान्यरूपांच्या]] वेळी [[
*उदाहरणार्थ: गरीब-गरिबाला,गरिबांना,चूल-चुलीला,चुलींना.
अपवाद-दीर्घोपान्त्य [[तत्सम]] [[शब्द]].
==नियम १०==
*"कोणता,
==नियम ११==
*'खरीखरी,हळूहळू' यासारख्या [[पुनरुक्त शब्द|पुनरुक्त शब्दांतील]] दुसरा व चौथा हे स्वर मूळ घटक शब्दांमध्ये ते दीर्घ असल्याने ते [[दीर्घ]] लिहावेत, परंतु [[पुनरुक्त शब्द]] [[नादानुकारी]] असतील तर ते [[उच्चार|उच्चाराप्रमाणे]] [[
उदाहरणार्थ:दुडुदुडु,रुणुझुणु,लुटुलुटु.
==नियम १८==
*[[पद्य|पद्यात]] [[वृत्त|वृत्ताचे]] बंधन पाळताना [[
==हेसुद्धा पाहा==
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