"शब्द व्युत्पत्ती" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक

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ओळ ६४:
*वि+आ+करण=व्याकरण,अत्युत्कृष्ट,निर्विकार,सुसंगति इ.
 
===उर्दू उपसर्ग===
उपसर्ग - अर्थ - शब्दरूप
अल - निश्र्चित, अन्तिम - अलविदा, अलबत्ता
कम - हीन, थोड़ा, अल्प - कमसिन, कमअक्ल, कमज़ोर
खुश - श्रेष्ठता के अर्थ में - खुशबू, खुशनसीब, खुशकिस्मत, खुशदिल, खुशहाल, खुशमिजाज
ग़ैर - निषेध - ग़ैरहाज़िर ग़ैरकानूनी ग़ैरवाजिब ग़ैरमुमकिन ग़ैरसरकारी ग़ैरमुनासिब
दर - मध्य में - दरम्यान दरअसल दरहकीकत
ना - अभाव - नामुमकिन नामुराद नाकामयाब नापसन्द नासमझ नालायक नाचीज़ नापाक नाकाम
फ़ी - प्रति - फ़ीसदी फ़ीआदमी
ब - से, के, में, अनुसार - बनाम बदस्तूर बमुश्किल बतकल्लुफ़
बद - बुरा - बदनाम बदमाश बदकिस्मत बदबू बदहज़मी बददिमाग बदमज़ा बदहवास बददुआ बदनीयत बदकार
बर - पर, ऊपर, बाहर - बरकरार बरवक्त बरअक्स बरजमां कंठस्थ
बा - सहित - बाकायदा बाकलम बाइज्जत बाइन्साफ बामुलाहिज़ा
बिला - बिना - बिलावज़ह बिलालिहाज़ बिलाशक बिलानागा
बे - बिना - बेबुनियाद बेईमान बेवक्त बेरहम बेतरह बेइज्जत बेअक्ल बेकसूर बेमानी बेशक
ला - बिना, नहीं - लापता लाजबाब लावारिस लापरवाह लाइलाज लामानी लाइल्म लाज़वाल
सर - मुख्य - सरहद सरताज सरकार सरगना
==संदर्भ==
'मराठी व्याकरण'(प्रथम प्रकाशन १९३५):लेखक कै. मोरेश्वर सखाराम मोने(मृत्यु १९४७)