"मराठी लिपीतील वर्णमाला" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक

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ओळ १:
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'''मराठी वर्णमाला''' किंवा '''मराठी मुळाक्षरे''' खालीलप्रमाणे आहेत; यात 50५० [[वर्ण]]ांचा समावेश होतो.
 
=== स्वर===
{| class="wikitable" style="text-align: center; width: 700px; height: 70px; font-size: 150%;"
! [[अ]] [[आ]] [[ॲ]] [[ऑ]] [[इ]] [[ई]] [[उ]] [[ऊ]] ||ऋ-ॠ || ऌ-ॡ || [[ए]] [[ॲ]] [[ऐ]] [[ओ]] [[ऑ]] [[औ]]
|}
 
===> स्वरादी===
{| class="wikitable" style="text-align: center; width: 300px; height: 70px; font-size: 150%;"
! [[ं]] (अनुस्वार) || [[ः]] (विसर्ग)
|-
|}
===> व्यंजने===
{| class="wikitable" style="text-align: center; width: 350px; height: 200px; font-size: 150%;"
! [[क्]] || [[ख्]] || [[ग्]] || [[घ्]] || [[ङ्]] (कंठ्य व्यंजने)
ओळ १८:
! [[च्]] || [[छ्]] || [[ज्]] || [[झ्]] || [[ञ्]] (तालव्य व्यंजने)
|-
! [[च़्]] || [[छ़छ़्]] || [[ज़्]] || [[झ़्]] || [[ञ़्]] (दंततालव्य वर्णजने)
|-
! [[ट्]] || [[ठ्]] || [[ड्]] || [[ढ्]] || [[ण्]] (मूर्धन्य व्यंजने)
ओळ ३६:
|}
 
===> विशेष संयुक्त व्यंजने===
{| class="wikitable" style="text-align: center; width: 150px; height: 50px; font-size: 150%;"
! [[क्ष्]] <br/>(क्+ष्) ||; [[ज्ञ्]] <br/> (द्+न्+य्) <br/>(संस्कृतमध्ये ज्+ञ्)||श्र् (श्+र्)||त्र् (त्+ञ=ज्ञर्)
|-
|}
{| class="wikitable" style="text-align: center; width: 150px; height: 50px; font-size: 150%;"
! श्र = श् + र
|}
 
Line ४९ ⟶ ४६:
----
 
मराठी भाषेच्या शास्त्रीय वर्णमालेत मुळातले १६ [[स्वर]] + इंग्रजीच्या संपर्कामुळे आलेले ‘[[ॲ]], [[ऑ]] हे स्वर मिळून १८ स्वर + दोन [[स्वरादी]] ([[अनुस्वार]] व [[विसर्ग]]) + ४० [[व्यंजन]] असे एकूण ६० [[वर्ण]] दिले आहेत.<ref>मराठी युवकभारती इयत्ता १२ वी</ref>
 
==उच्चार==
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===उच्चारासाठी वापरले जाणारे अवयव===
* पडजीभमृदू टाळू (velum)
* कठोर टाळू (palatedurum)
* नाकातील पोकळी (nasal cavity)
* ओठ
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* जिभेचा मधला भाग
* जिभेची मागची बाजू, इत्यादी अवयव तर वापरले जातातच.
* पण पडजिभेच्या मागचा भाग (uvula) हा भाग उर्दू भाषेतले काही वर्ण उच्चारण्यासाठी वापरला जातो. जसे- क़, ख़, ग़, ड़, ढ़, फ़, वगैरे. मराठीतही च, छ, ज, झ, ञ, फ आणि ड ही अक्षरे दोन-दोन प्रकारे उच्चारली जातात, पण बहुधा वेगळी दाखवली जात नाहीत. (विनोबा भावे हे दंततालव्य वर्ण अधोबिंदू/नुक़्ता वापरून दर्शवत.)
या सर्व अवयवांना उच्चारक (articulators) असे म्हणतात.