"बावीस प्रतिज्ञा" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक

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ओळ १:
[[File:Dr. Ambedkar and Savita Ambedkar during Deeksha.jpg|thumb|दीक्षा ग्रहण करताना बाबासाहेब व माईसाहेब आंबेडकर]]
{{बौद्ध धर्म}}14 ऑक्टोबर 1956 रोजी डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरांनी नागपुरातील दीक्षाधूम येथे बौद्ध धर्माचा सपत्नीक घेतल्यानंतर आपल्या अनुयायांना नवयन बौद्ध धर्माची दीक्षा देताना त्यांनी बावीस प्रतिज्ञा घेतल्या. असे मानले जाते की या बांधिलकी सामाजिक क्रांतीचे पैलू आहेत जे मानवी अंतःप्रेरणेला प्रेरित करतात [१] [२] भारतात बौद्ध धर्म स्वीकारताना ही शपथ व्यक्ती किंवा गट घेतात. बावीस प्रतिज्ञांना 'धाम प्रतिज्ञा', 'डॉ. आंबेडकर प्रतिज्ञा', 'बौद्ध प्रतिज्ञा', 'नवीन बौद्ध प्रतिज्ञा' किंवा 'नवयानी प्रतिज्ञा' असेही म्हणतात.
{{बौद्ध धर्म}}14 ଅକ୍ଟୋବର 1956 ରେ ନାଗପୁରର ଦୀକ୍ଷାଭୂମି ଠାରେ ଡ଼ଃ ବାବାସାହେବ ଆମ୍ବେଦକର ବୌଦ୍ଧ ଧର୍ମର ସପ୍ତନିକ ଗ୍ରହଣ କରିବା ପରେ, ସେ ତାଙ୍କ ଅନୁଗାମୀମାନଙ୍କୁ ନବୟାନ ବୌଦ୍ଧ ଧର୍ମ ଆରମ୍ଭ କରିବା ସମୟରେ ବାଇଶି ଶପଥ ଦେଇଥିଲେ । ବିଶ୍ୱାସ କରାଯାଏ ଯେ ଏହି ପ୍ରତିଶ୍ରୁତିଗୁଡ଼ିକ ହେଉଛି ସାମାଜିକ ବିପ୍ଳବର ଦିଗ ଯାହା ମାନବ ପ୍ରବୃତ୍ତିକୁ ପ୍ରେରିତ କରିଥାଏ | [1] [2] ଭାରତରେ ବୌଦ୍ଧ ଧର୍ମ ଗ୍ରହଣ କରିବା ସମୟରେ ଏହି ଶପଥଗୁଡିକ ବ୍ୟକ୍ତି ବା ଗୋଷ୍ଠୀ ଦ୍ଵାରା ଗ୍ରହଣ କରାଯାଇଥାଏ। ବାଇଶି ପ୍ରତିଶ୍ରୁତିକୁ 'ଧାମ ପ୍ରତିଶୃତି' କୁହାଯାଏ, 'ଡ଼ଃ ଆମ୍ବେଦକରଙ୍କ ପ୍ରତିଶ୍ରୁତି ',' ବୌଦ୍ଧ ପ୍ରତିଶୃତି ',' ନବ ବୌଦ୍ଧ ପ୍ରତିଶୃତି 'କିମ୍ବା' ନବୟାନୀ ପ୍ରତିଶୃତି 'ମଧ୍ୟ କୁହାଯାଏ।
 
== २२ प्रतिज्ञा ==