"शुद्धलेखनाचे नियम" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक

Content deleted Content added
→‎नियम १.२: अनावश्यक/जास्तीचे विकी-दुवे काढले
→‎नियम५: अनावश्यक/जास्तीचे विकी-दुवे काढले
ओळ ५८:
 
==नियम५ ==
*[[{{main|ऱ्हस्व-दीर्घ नियम]]}}
 
===नियम ५.१===
[[मराठी|मराठीतील]] [[तत्सम]] [[इ-कारान्त]] आणि [[उ-कारान्त]] [[शब्द]] [[दीर्घान्त]] लिहावेत.
* उदाहरणार्थ : कवि=कवी, बुद्धि=बुद्धी, गति=गती.
** इतर शब्दांच्या अंती येणारा इकार व उकार [[दीर्घ]] लिहावा.
ओळ ७०:
 
===नियम ५.३===
[[नाम|व्यक्तिनामे]], [[नाम|ग्रंथनामे]], [[शीर्षक|शीर्षके]] व सुटे [[ऱ्हस्वान्त]] [[तत्सम]] [[शब्द]] [[मराठी|मराठीत]] [[दीर्घान्त]] लिहावेत.
* उदाहरणार् थ: हरी, मनुस्मृती, वर्गीकरण, पद्धती, कुलगुरू.
 
ओळ ७७:
 
===नियम ५.५===
[[समास|सामासिक शब्द]] लिहिताना [[समास|समासाचे]] [[पूर्वपद]] (पहिला शब्द) [[तत्सम]] [[ऱ्हस्वान्त]] असेल (म्हणजेच मुळात [[संस्कृत|संस्कृतमध्ये]] [[ऱ्हस्वान्त]] असेल) तर ते [[पूर्वपद]] [[ऱ्हस्वान्त|ऱ्हस्वान्तच]] लिहावे. [[दीर्घान्त]] असेल तर [[दीर्घान्त|दीर्घान्तच]] लिहावे.
* उदाहरणार्थ : बुद्धि -बुद्धिवैभव, लक्ष्मी -लक्ष्मीपुत्र.
[[साधित शब्द|साधित शब्दांनाही]] हाच नियम लावावा.
ओळ ८३:
 
===नियम ५.६===
*'विद्यार्थिन्, गुणिन्, प्राणिन्, पक्षिन्' या सारखे [[इन्-अन्त शब्द]] [[मराठी|मराठीत]] येतात तेव्हा त्यांच्या शेवटी असलेल्या न् चा [[लोप]] होतो व [[उपान्त्य]] [[ऱ्हस्व]] [[अक्षर]] [[दीर्घ]] होते. परंतु हे [[शब्द]] [[समास|समासात]] [[पूर्वपदी]] आले असता (म्हणजेच [[समास|समासातील]] पहिला शब्द असता) ते [[ऱ्हस्व|ऱ्हस्वान्तच]] लिहावेत.
** उदाहरणार्थ :
विद्यार्थिमंडळ , गुणिजन, [[प्राणिसंग्रह]], स्वामिभक्ती, [[पक्षिमित्र]], [[योगिराज]].