"कान" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक
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ओळ २३:
बाह्य कान
कीप किंवा कर्णपाली ने आवाज़ाच्या लहरी एकत्र करून कानाच्या पडद्या पर्यंत पोहचवण्यात येतात अशाने कानाच्या पडद्यावर कम्पन होते. बाहरी कानाच्या गुफ्या सारख्या रस्त्यावरची त्वचा सामान्य त्वचे सारखे एक चिकट पदार्थ स्त्रावित करते. हेच पदार्थ एकत्र होऊन कानातील मेण बनविते. मेण धूळ व अन्य कण एकत्र करण्यात मदत करते. काही जणांना कानातील हा मेण काढण्याची सवय असते. बर्याच वेळा हे मेण कडक होते व कानातील पडद्यावर चिकटून जाते. या मुळे बाहरी कान दुखते. हेच पदार्थ एकत्र येऊन कानातील मेण बनविते. मेण धूळ आणि अन्य कणांना एकत्र करण्यात मदत करते. हम में से ज़्यादातर लोगों को कान में से बार बार यह मोम निकालते रहने की आदत होती है। इस आदत से चोट लग सकती है। अक्सर मोम सख्त हो कर कान के पर्दे पर चिपक जाती है। इससे बाहरी कान में दर्द होता है।
मध्य कान
मध्य कान यूस्टेशियन ट्यूब द्वारा नाक की गुफा से जुड़ा रहता है। यूस्टेशियन नाक को ई एन टी (ईयर नोज़ थ्रोट) ट्यूब भी कह सकते हैं क्योंकि यह कान नाक और गले को जोड़ती है। इसके कारण मध्य कर्ण वातावारण में अचानक हुए हवा के दबाव में बदलाव को झेल सकती है। अगर अचानक किसी विस्फोट या धमाके की आवाज़ कान के पर्दे से टकराए तो वो फटता नहीं है क्योंकि यह जबर्दस्त दवाब ईएनटी ट्यूब द्वारा नाक की गुफा में चला जाता है। पर मुश्किल यह है कि यही ई एन टी ट्यूब नाक व गले के संक्रमण भी कान तक पहुँचा देती है।
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