सध्याच्या काळात, सहारनपूर जिल्ह्यातील फैजाबाद गावाजवळील मैदानावर येताच, ती उत्तर प्रदेशातील सहारनपूर आणि मुझफ्फरनगर जिल्ह्यांहून अंबाला व करनाल जिल्ह्यांना वेगळे करते. या भूभागात मस्कारा, काठ, हिंडन आणि साबी या नद्या आहेत, ज्यामुळे तिचा आकार मोठ्या प्रमाणात वाढतो. पूर्व यमुना कालवा आणि पश्चिम कालवा शेतात प्रवेश होताच त्यातून काढला जातो. या दोन्ही कालवे यमुनेतून पाणी घेतात आणि पृथ्वीला शेकडो मैलांमध्ये समृद्ध करते.
वर्तमान समय में सहारनपुर जिले के फैजाबाद गाँव के निकट मैदान में आने पर यह आगे 65 मील तक बढ़ती हुई हरियाणा के अंबाला और करनाल जिलों को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और मुजफ्फरनगर जिलों से अलग करती है। इस भू-भाग में इसमें मस्कर्रा, कठ, हिण्डन और सबी नामक नदियाँ मिलती हैं, जिनके कारण इसका आकार बहुत बढ़ जाता है। मैदान में आते ही इससे पूर्वी यमुना नहर और पश्चिमी नहर निकाली जाती हैं। ये दोनों नहरें यमुना से पानी लेकर इस भू-भाग की सैकड़ों मील धरती को हरा-भरा और उपज सम्पन्न बना देती हैं।
दिल्ली से आगे यह हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमा बनाती हुई तथा हरियाणा के फरीदाबाद जिले को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले से अलग करती हुई उत्तर प्रदेश में प्रवाहित होने लगती है।{{भारतातील नद्या}}
इस भू-भाग में यमुना की धारा के दोनों ओर पंजाब और उत्तर प्रदेश के कई छोटे बड़े नगरों की सीमाएँ हैं, किन्तु इसके ठीक तट पर बसा हुआ सबसे प्राचीन और पहला नगर दिल्ली है, जो लम्बे समय से भारत की राजधानी है। दिल्ली के लाखों की आबादी की आवश्यकता की पूर्ति करते हुए और वहाँ की ढेरों गंदगी को बहाती हुई यह ओखला नामक स्थान पर पहुँचती है। यहाँ पर इस पर एक बड़ा बांध बांधा गया है जिससे नदी की धारा पूरी तरह नियंत्रित कर ली गयी है। इसी बांध से आगरा नहर निकलती है, जो हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सैकड़ों मील भूमि को सिंचित करती है। दिल्ली से आगे यह हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमा बनाती हुई तथा हरियाणा के फरीदाबाद जिले को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले से अलग करती हुई उत्तर प्रदेश में प्रवाहित होने लगती है।{{भारतातील नद्या}}