"कांदा" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक

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ओळ ८:
आवश्यकताएँ
जलवायु, भूमि, सिंचाई
कांदा शीतऋतुतील पीक आहे परंतु जास्त शीत वातावरण हानिकारक असते आणि तापक्रम जास्त असल्यास ही हानिकारक असते. कांद्याचे विपुल उत्पादन मिळवण्यासाठी पर्याप्त सूर्य प्रकाशाची आवश्यकता असते. प्याज केकांद्याचे कन्द दीर्घ प्रकाश अवधि (Long Day Length) मेंमध्ये अच्छे बनते हैं।चांगले बनतात.कन्दीय फसलपीक होने के कारणअसल्याकारणाने भुरभुरी तथाआणि उत्तम जल निकासनिकासी वालीची भूमिजमीन उत्तम मानी जाती है।मानली. बलुई दुमट भूमि सर्वोत्तम होती है। अन्य भूमि में भी उगाई जा सकती है। भारी मिट्टी उचित नहीं है। भूमि का पीएच मान 5.8-6.5 के मध्य होना चाहिए। प्याज के लिए कुल 12-15 सिंचाई की आवश्यकता होती है, 7-12 दिन के अन्तर से भूमि के अनुसार सिंचाई की जानी चाहिए। पौधों का शिरा जब मुरझाने लगे, यह कन्द पकने के लक्षण हैं, इस समय सिंचाई नहीं करनी चाहिए।
 
खाद एवं उर्वरक
"https://mr.wikipedia.org/wiki/कांदा" पासून हुडकले