"गुप्त साम्राज्य" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक

Content deleted Content added
Czeror (चर्चा | योगदान)
Czeror (चर्चा | योगदान)
ओळ ५५:
|स्कंदगुप्ताने वडिलांच्या हयातीतच [[पुष्यमित्र|पुष्यमित्राचे]] व [[हूण|हूणांचे]] आक्रमण थोपवून धरल्याने स्कंदगुप्त हा योद्धा व पराक्रमी राजा मानला जातो. चीनच्या सरहद्दीवर हुणांच्या रानटी टोळ्या या काळात [[युरोप]], [[इराण]] आणि भारत या प्रदेशांत घुसल्या होत्या. युरोपातील रोमनांचे साम्राज्य या हुणांनीच नष्ट केले. अशा या विध्वंसक व अतिशय क्रूर हुणांचा स्कंदगुप्ताने पराभव करून त्यांना परतवून लावले. या पराभवानंतर पन्नास वर्षे हूण भारताकडे फिरकले नाही.
|-
* |[[दुसरा कुमारगुप्त]](४६७ ते ४७७)
|
|४६७ ते ४७७
|
|
|-
* |[[बुद्धगुप्त]] (४७७ ते ४९६)
|
|४७७ ते ४९६
|
|
|-
* |[[तिसरा चंद्रगुप्त]](४९६ ते ५००)
|
|४९६ ते ५००
|
|
|-
* |[[विनयगुप्त]] (५०० ते ५१५)
|
|५०० ते ५१५
|
|
|-
* |[[नरसिंहगुप्त]] (५१५ ते ३००)
|
|५१५ ते ५३०
|
|
|-
* |[[तिसरा कुमारगुप्त]] (५३० ते ५४०)
|
|५३० ते ५४०
|
|
|-
* |[[विष्णुगुप्त (गुप्त साम्राज्य)|विष्णुगुप्त]] (५४० ते ५५०)
|
|५४० ते ५५०
|
|
|}
 
 
* [[दुसरा कुमारगुप्त]](४६७ ते ४७७)
* [[बुद्धगुप्त]] (४७७ ते ४९६)
* [[तिसरा चंद्रगुप्त]](४९६ ते ५००)
* [[विनयगुप्त]] (५०० ते ५१५)
* [[नरसिंहगुप्त]] (५१५ ते ३००)
* [[तिसरा कुमारगुप्त]] (५३० ते ५४०)
* [[विष्णुगुप्त (गुप्त साम्राज्य)|विष्णुगुप्त]] (५४० ते ५५०)
 
== सैन्य रचना ==