"परळी वैजनाथ तालुका" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक
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ओळ १:
गोपीनाथ पांडुरंग मुंडे
महाराष्ट्र के भूतपूर्व उपमुख्यमंत्री
चुनाव-क्षेत्र बीड
जन्म 12 दिसम्बर 1949
नाथ्रा, परळी, बीड,महाराष्ट्र
मृत्यु 3 जून 2014 (उम्र 64)
नई दिल्ली
राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी
जीवन संगी प्रज्ञा मुंडे (महाजन)
बच्चे पंकजा पालवे मुंडे, प्रीतम मुंडे, यशश्री मुंडे
निवास बीड
धर्म हिन्दू
जालस्थल http://www.gopinathmunde.com
गोपीनाथ मुंडे (१२ दिसम्बर १९४९ – ३ जून २०१४) एक भारतीय राजनेता और महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री थे। १९९५ में हुये विधानसभा के चुनावों में उन्होंने सफलता पाई और महाराष्ट्र राज्य के उपमुख्यमंत्री बने। उन्होंने अपनी पहचान ज़मीन से जुड़े एक कार्यकर्ता के तौर पर बनाई और वे एक राजनेता के साथ-साथ एक कृषक भी थे। मई-२०१४ में वह नरेन्द्र मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हुए थे, लेकिन उस के कुछ दिनों बाद ही दिल्ली में एक कार दुर्घटना में उनका देहान्त हुआ। [1] [2]
गोपीनाथ मुंडे महाराष्ट्र राज्य में भारतीय जनता पार्टी का चेहरा थे। [3] लोकसभा में विपक्ष के उपनेता गोपीनाथ मुंडे महाराष्ट्र भारतीय जनता पार्टी के सबसे चमकदार चेहरे थे। [4] मुंडे को महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी की ओर से एकमात्र भीड़ जुटाने वाले नेता के तौर पर जाना जाता था। [5] महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी को खड़ा करने वालों में उनका नाम लिया जाता था। गोपीनाथ मुंडे महाराष्ट्र के कद्दावर ओबीसी नेता थे। [6] गोपीनाथ मुंडे पिछड़े वर्गों में अच्छा प्रभाव रखने वाले महत्पूर्ण ओबीसी नेता थे। महाराष्ट्र प्रदेश में उन्हें भारतीय जनता पार्टी का अकेला जननेता माना जाता था। वे महाराष्ट्र भारतीय जनता पार्टी में अपना अलग महत्व थे। [7] महाराष्ट्र में एकमात्र जमीनी नेता मुंडे को नाराज करने से वहां भारतीय जनता पार्टी को भारी क्षति पहुंची। महाराष्ट्र में उनके वर्चस्व के सामने कोई चुनौती खड़ी नहीं थी। [8] मायनस मुंडे महाराष्ट्र भारतीय जनता पार्टी की स्थिति बिना नमक समुद्र जैसी होने की आशंका थी। [9]
वे ४० साल से भारतीय जनता पार्टी से जुड़े। ३७ साल से चुनकर आये। गोपीनाथ मुंडे के शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे से, शिवसेना से गठबंधन के संबंध २२ साल पुराने थे। [10]
== जीवन परिचय == लेखक नागनाथ मुंडे mobile number 9158318937 गोपीनाथ पांडुरंग मुंडे का जन्म नाथ्रा, परळी, बीड, महाराष्ट्र में एक कृषक परिवार पांडुरंग मुंडे के घर हुआ था। [11] उनकी माँ का नाम लिंबाबाई मुंडे था। इनके अलावा पांडुरंग मुंडे को दो पुत्र थे। [12] गोपीनाथ मुंडे की प्राथमिक शिक्षा जिल्हापरिषद नाथ्रा में ही सम्पन्न हुई। इसके बाद उन्होंने आंबेजोगाई के योगेश्वरी शिक्षण संस्था स्वामी रामानंद तीर्थ महाविद्यालय में अध्ययन किया। उन्होंने वाणिज्य उपाधि प्राप्त की। [13] इनका विवाह २१ मई इ.स. १९७८ में प्रज्ञा महाजन के साथ सम्पन्न हो गया था। [14] [15] [16] इनके परिवार में तीन पुत्रियां पंकजा पालवे, डॉक्टर प्रीतम मते और यशश्री मुंडे सम्मिलित हुए। [17] [18] [19] गोपीनाथ मुंडे भारतीय जनता पार्टी के दिवंगत नेता प्रमोद महाजन के बहनोई है। [2] विधायक धनंजय मुंडे भाजपा सांसद गोपीनाथ मुंडे के भतीजे है। राजनेता पंडित अण्णा मुंडे भाजपा सांसद गोपीनाथ मुंडे के बड़े भाई है। [20] गोपीनाथराव जब ११ वीं में थे तब से राजनेता पंडित अण्णा मुंडे ने ही उन्हें पाला है। [21]
भारतीय जनता पार्टी नेता गोपीनाथ मुंडे ने उन दिनों को याद किया, जब वे सूपरस्टार राजेश खन्ना की हर पिक्चर देखा करते थे। मुंडे ने बताया कि अपनी युवा अवस्था में उनकी हर फिल्म पहले दिन पहले शो में देखी है। [22]
स्नातक की शिक्षा समाप्त करने के पश्चात वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गये और देशसेवा का व्रत लेते हुये यहीं से अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत की। मुंडेजी संघवादी थे जो सारा जीवन सादगी से रहे और गरीबों की सेवा में अपनी पूरी जिंदगी को समर्पित किया। उन्होंने अपना जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में रहने का संकल्प लेकर प्रारम्भ किया था। [13] मुंडे महाराष्ट्र की विधानसभा में १९८० से २००९ तक विधायक रहे। इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र राज्य के उपमुख्यमंत्री का कार्यभार सरकार में रहते हुए देखा। उपमुख्यमंत्री के रुप में वे अपने अच्छे कामों कारण प्रशंसा में रहे। [1] [2] गोपीनाथ मुंडे को भारतीय जनता पार्टी की महाराष्ट्र इकाई का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया है। [18] [23] मुंडे की प्रतिभा को रेखांकित करने के बाद इन्हें भारतीय जनता पार्टी आलाक़मान ने दिल्ली बुला लिया। वे दिसम्बर २००९ में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चुने गए हैं। सन् २००९ में वे लोकसभा के सदस्य चुने गये। [1] [2] गोपीनाथ मुंडे बीड लोकसभा से प्रतिनिधित्व के रूप में पहली बार प्रारम्भ किया था। [24] [25] [26] पहली बार मराठवाड़ा के बीड़ से लोकसभा सांसद बनने के फौरन बाद मुंडे को पहले लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के उपनेता पद प्रदान किया गया। हाल में उन्हें संसद की लोकलेखा समिति का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। मुंडे महाराष्ट्र की जमीनी राजनीति की गहरी समझ और पार्टी के 'ओबीसी चेहरा' है। [27] महाराष्ट्र से गोपीनाथ मुंडे २९ जनवरी २००७ को महासचिव बनाया गया है। वो पहले उपाध्यक्ष थे। [28] [29] लोकसभा में इससे पहले किसी पार्टी ने अपने नए सांसद को इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं दी। [30]
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