"अग्नी (देवता)" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक

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ओळ ९:
| नाव_संस्कृत_देवनागरी_लेखन = अग्नी
| नाव_पाली_लेखन =
| नाव_कन्नड_लेखन = ಅಗ್ನಿ
| नाव_तमिळ_लेखन = அக்னி_தேவன்
| नाव_अन्य_लिपी =
| नाव_अन्य_लिपी_लेखन =
| निवासस्थान =
| लोक =
| वाहन = मेषवाहिनीमेष(मेंढा)
| शस्त्र = भाला
| वडील_नाव =
| आई_नाव =
| पती_नाव =
| पत्नी_नाव = स्वाहा,स्वधा
| अपत्ये = आग्नेय (मुलगी)
| अन्य_नावे =
| या_देवतेचे_अन्य_अवतार =
| या_अवताराची_मुख्य_देवता =
| मंत्र = स्वाहा,स्वधाॐ नमो अग्नीदेवाय
| नामोल्लेख_धार्मिक_साहित्य = ऋग्वेद
| मुख्य_तीर्थक्षेत्रे =
| विशेष =
| तळटिपा =
}}
 
'''अग्नी''' हे एक [[ऋग्वेद|ऋग्वेदिक कालापासूनचे]] हिंदू दैवत आहे.ते 'अग्नी'चे दैवत आहे<ref>[[Richard Cavendish (occult writer)|Cavendish, Richard]] (1998). ''Mythology, An Illustrated Encyclopedia of the Principal Myths and Religions of the World''. ISBN 1-84056-070-3</ref>ही देवता आहूतीचा स्वीकार करते.त्यास दिलेल्या आहूती ह्या थेट देवांपर्यंत पोचतात कारण अग्नी हा दूत आहे.<ref>{{cite web|author=January 19, 2013 |url=http://rigvedaanalysis.wordpress.com/2013/01/19/agni-the-messenger-god/ |शीर्षक=Agni - The Messenger God |प्रकाशक=Rigvedaanalysis.wordpress.com |date=2013-01-19 |accessdate=2013-08-09}}</ref> तो तरूण आहे व सदैव तरूणच राहतो कारण अग्नी हा दर दिवशी नविन प्रज्वलीत केल्या जातो.तो अमरही आहे.