"चौसष्ट कलांची यादी" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक

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ओळ १:
पुरातनकाळी ज्या चौसष्ट कलांमध्ये पारंगत असणे अपेक्षित होते त्या कला खालीलप्रमाणे आहेतः
#[[वेद]]
#[[वेदांग]]
#[[स्मृती]]
#[[अक्षर]]
#[[नाटक]]
#[[भारत]]
#[[धनुर्विद्या]]
#[[संधीविग्रह]]
#[[लक्षता]]
#[[युद्ध]]
#[[निरोध]]
#[[संधी]]
#[[भटसमय]]
#[[सत्व]]
#[[ब्रह्मयोग]]
#[[ज्योतिष]]
#[[शिल्पशास्त्र]]
#[[पान]]
#[[मृट]]
#[[चावन]]
#[[लैर्भेविष्ट]]
#[[अष्टमा]]
#[[आकाशगमन]]
#[[धुर्गमन]]
#[[परकायाप्रवेश]]
#[[संग्रामविजय]]
#[[अपेक्षा]]
#[[अतिहास्य]]
#[[नीतीशास्त्र]]
#[[कनकपरीक्षा]]
#[[सामुद्रिक]]
#[[स्तंभन]]
#[[मोहन]]
#[[उच्चाटण]]
#[[धुरायण]] [[मधुर]]
#[[रंभाशयन]]
#[[वाकसाहाण]]
#[[देशप्रवेशन]]
#[[चित्र]][[लेखन]]
#चित्रलेखन
#मंत्र[[वेद]]
#मंत्रवेद
#ना ना [[वेद]]
#[[वाद्यवादन]]
#[[त्रीमिर]]
#[[वाहन]]
#[[रसवाद्य]]
#[[वीसावदी मंत्र]]
#[[प्रत्यक्षाकार]]
#[[विधित्व]]
#[[अग्निस्तंभन]]
#[[शूल स्तंभन]]
#[[कोचन]]
#[[मैंद्रक]]
#[[सूपशास्त्र]]
#[[रतीशास्त्र]]
#[[ओवीबंध]]
#[[चक्षुलक्षण]]
#[[रत्नपरीक्षा]]
#[[अश्वपरीक्षा]]
#[[नारीपरीक्षा]]
#[[पुरुषपरीक्षा]]
#[[संगीत]]लक्षण
#संगीतलक्षण
#[[वायु]]स्तंभन
#वायुस्तंभन
#[[इंद्र]]जाल
#इंद्रजाल
# ??
==हेही पाहा==