"मच्छिंद्रनाथ" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक
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'''मत्स्येंद्रनाथ''' ऊर्फ '''मच्छिंद्रनाथ''' (जीवनकाळ: [[इ.स.चे ९ वे शतक]] - [[इ.स.चे १० वे शतक]]) [[नवनाथ|नवनाथांपैकी]] एक. हे ''सिद्ध''
तो भी कच्चा बे कच्चा नही
तो भी कच्चा बे कच्चा नही
गुप्त होकर प्रकट होवे जावे मथुरा काशी Ι
ब्रम्हरंद्र से प्राण निकाले सत्य लोक का वासी Ι
तो भी कच्चा बे कच्चा नही
कुंडलिनी खुब चढावे ब्रम्हरंद्र मे जावे Ι
चलते है पानी के उपर बोले सो होवे Ι
तो भी कच्चा बे कच्चा नही
कहे मच्छिंद्र सुन रे गोरख तिनो उपर जाना Ι
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