"रामचंद्र द्विवेदी" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक
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ओळ १९:
== गाजलेली निवडक गीते ==
* आज मौसम सलोना सलोना रे (झूला)
* आज हिमालय की चोटी से फिर हमने ललकारा है, दूर हटो दुनिया वालो ये हिंदुस्तान हमारा है (चित्रपट : किस्मत)
* हम लाएँ हैं तूफान से कश्ती निकाल के (चित्रपट: जागृति)▼
* पिंजड़े के पंछी रे, तेरा दर्द न जाने कोय (नागमणि; गायकः प्रदीप)▼
* देख तेरे संसार की हाल क्या हो गयी भगवान, कितना बदल गया इन्सान (नास्तिक, गायक: प्रदीप)▼
* दे दी हमें आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल, साबरमती के संत तुने कर दिया कमाल (जागृति)▼
* ऊपर गगन विशाल (मशाल)
* ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आँख मे भरलो पानी (गीत)
▲* आओ बच्चों तुम्हे दिखाएँ झाँखी हिंदुस्तान की (जागृति, गायकः प्रदीप)
* खींचो कमान खींचो (अंजन)▼
* मुखड़ा देख रे प्राणी जरा दर्पन में(दो बहन)▼
* चना जोर गरम बाबू (बंधन)▼
* चल चल रे नौजवान (बंधन)▼
* झूले के संग झूलों (झूला)
* दूसरों का दुखड़ा दूर करनेवाले
▲* देख तेरे संसार की हाल क्या हो गयी भगवान, कितना बदल गया इन्सान (नास्तिक, गायक: प्रदीप)
* हमने जगत की अजब तसवीर देखी▼
▲* दे दी हमें आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल, साबरमती के संत तुने कर दिया कमाल (जागृति)
* सूनी पडी रे सितार (कंगन)▼
* नाचो नाचो प्यारे मन के मोर (पुनर्मिलन)
* ना जाने किधर आज मेरी नाव चली रे (झूला)
▲* चल चल रे नौजवान (बंधन)
▲* पिंजड़े के पंछी रे, तेरा दर्द न जाने कोय (नागमणि; गायकः प्रदीप)
▲* चना जोर गरम बाबू (बंधन)
* पियू पियू बोल प्राण पपीहे (बंधन)
▲* मुखड़ा देख रे प्राणी जरा दर्पन में (दो बहन)
* मेरे बिछडे हुए साथी (झूला)
* मैं तो दिल्ली से दुल्हन लाया रे (झूला)
* रुक ना सको तो जाओ (बंधन)
▲* सूनी पडी रे सितार (कंगन)
▲* खींचो कमान खींचो (अंजन)
▲* हम लाएँ हैं तूफान से कश्ती निकाल के (चित्रपट: जागृति)
▲* हमने जगत की अजब तसवीर देखी
==पुरस्कार==
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