"श्रावण" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक
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ओळ २२:
* मेरे नैना सावन भादों (लता, मेहबूबा)
* मोहोब्बत बरसा देना तू, सावन आया है (गीत-अरिजीतसिंग)
* लगी आज सावन की फिर वो झडी है (आनंद बक्षी, शिव हरी, सुरेश वाडकर-अनुपमा देशपांडे, चांदनी, ??)
* सावन का महीना पवन करे सोर (आनंद बक्षी, कल्याणजी-आनंदजी, मुकेश-लता, मिलन -१९६७, पहाडी)
* सावन के झूले पडे (आनंद बक्षी, राहुलदेव बर्मन, लता मंगेशकर, जुर्माना, पहाडी)
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