"साहिर लुधियानवी" च्या विविध आवृत्यांमधील फरक
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ओळ ९१:
== प्रसिद्ध गीते==
* अभी ना जाऒ छोडकर
* "आना है तो आ" (''नया दौर'' [[इ.स. १९५७ ]]), संगीतकार [[ओ.पी. नय्यर]]▼
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* ईश्वर अल्लाह तेरे नाम
* "मन रे तु काहे न धीर धरे" (''चित्रलेखा'' [[इ.स. १९६४ ]]), संगीतकार [[रोशन]]▼
* "मैं पल दो पल का शायर हूं" (''[[कभी कभी (हिंदी चित्रपट)|कभी कभी]]'' [[१९७६]]), संगीतकार [[खय्याम]]▼
* गरजत बरसत सावन आयो रे
* "यह दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है" (''प्यासा'' [[इ.स. १९५७]]), संगीतकार [[सचिन देव बर्मन|एस डी बर्मन]]▼
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* ज़िंदगीभर नही भूलेंगी ये बरसातकी रात
* जीवन के सफ़र में
* जो वादा किया वो
* तदबीर से बिगडी हुई
* तोरा मन दर्पण कहलाएँ
* निगाहेंं मिलानेको जी चाहता हैं
* मांग के साथ तुम्हारा
* मैं ज़िंदगी का साथ निभाता चला गया
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* रेशमी सलवार कुरता
==साहिर लुधियानवी यांची हिंदी-उर्दू पुस्तके==
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* पद्मश्री पुरस्कार
* फिल्मफेअर पुरस्कार
* रसिकप्रिया व्हिओलिनातर्फे पुण्यात ‘चलो इक बार फिरसे : जलसा-ए-साहिर’ नावाचा कार्यक्रम झाला होता. (जून २०१७)
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