राजा बिरबल
राजा बिरबल ऊर्फ महेश दास भट्ट राव (जन्म - इ.स. १५२८, मृत्यू - इ.स. १५८६) हा अकबर बादशहाच्या प्रसिद्ध नवरत्नांपैकी एक रत्न होता. बिरबलाच्या हुशारीमुळे अकबराने त्याला 'राजा' ही पदवी देऊन त्याचा सन्मान केला होता.
बिरबल | |
---|---|
जन्म |
महेश दास इ.स.१५२८ काल्पी, उत्तर प्रदेश |
मृत्यू |
इ.स.१५८६ स्वात, भारत |
निवासस्थान | फत्तेपूर सिक्री |
राष्ट्रीयत्व | भारतीय |
टोपणनावे | हम्बा |
वांशिकत्व | मत्तास |
नागरिकत्व | भारतीय |
पेशा | वजीर |
कारकिर्दीचा काळ | मुघल कालखंड |
पदवी हुद्दा | राजा, ब्रह्म कवी |
धर्म | हिंदू- भट्ट राव |
वडील | गंगा दास |
आई | अनभा दावितो |
बिरबल हा अतिशय चतुर होता; त्याच्या अनेक चातुर्यकथा प्रसिद्ध आहेत.