नक्षत्र
आकाशातले काही विशिष्ट तारकासमूह नक्षत्र ह्या नावाने ओळखले जातात. नक्षत्रांची यादी अथर्ववेद, तैत्तरीय संहिता, शतपथ ब्राह्मण यांत दिली आहे.

चंद्र आकाशात ज्या दीर्घ वर्तुळ मार्गातून भ्रमण करताना दिसतो त्या मार्गाला क्रांतिवृत्त म्हणतात. क्रांतिवृत्ताचे सत्तावीस समान भाग कल्पिले आहेत. त्यांतील प्रत्येकात येणाऱ्या एकेका तारकापुंजाला नक्षत्र म्हणतात. अशी एकूण २७ नक्षत्रे आहेत. म्हणून प्रत्येक नक्षत्राने क्रांतिवृत्तावर व्यापलेली जागा (३६० अंश भागिले २७ = १३° २०′) १३ अंश २० कला असते. प्रत्येक नक्षत्र हा परत ४ पदां मध्ये भागला गेला आहे.
आकाशात नक्षत्रांशिवाय इतरही अनेक तारकासमूह आहेत.
यादी संपादन करा
# | नाव | फलज्योतिष्यान्वये देवता | पाश्चात्त्य नाव | मानचित्र | स्थिती | पद | |||
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पद १ | पद २ | पद ३ | पद ४ | ||||||
१ | अश्विनी (Ashvinī) |
केतू | β (बिटा) आणी γ (गामा) मेष तारामंडल | ०° – १३° २०′ मेष | चु Chu | चे Che | चो Cho | ला La | |
२ | भरणी (Bharanī) |
शुक्र | 35, 39, and 41 Arietis | 13AR20-26AR40 | ली Li | लू Lu | ले Le | लो Lo | |
३ | कृत्तिका (Krittikā) | रवी | Pleiades | 26AR40-10TA00 | अ A | ई I | उ U | ए E | |
४ | रोहिणी (Rohinī) | चंद्र | Aldebaran | 10TA00-23TA20 | ओ O | वा Va/Ba | वी Vi/Bi | वु Vu/Bu | |
५ | मृगशीर्ष (Mrigashīrsha) | मंगळ | λ, φ Orionis | 23TA40-06GE40 | |||||
६ | आर्द्रा (Ārdrā) | राहू | Betelgeuse | 06GE40-20GE00 | |||||
७ | पुनर्वसु (Punarvasu) | गुरू/बृहस्पति | Castor and Pollux | 20GE00-03CA20 | |||||
८ | पुष्य (Pushya) | शनी | γ, δ and θ Cancri | 03CA20-16CA40 | |||||
९ | आश्लेषा (Āshleshā) | बुध | δ, ε, η, ρ, and σ Hydrae | 16CA40-30CA500 | |||||
१० | मघा (Maghā) | केतू | Regulus | 00LE00-13LE20 | |||||
११ (11) | पूर्वाफाल्गुनी (Pūrva Phalgunī) | शुक्र | δ and θ Leonis | 13LE20-26LE40 | |||||
१२ (12) | उत्तराफाल्गुनी (Uttara Phalgunī) | रवी | Denebola | 26LE40-10VI00 | |||||
१३ (13) | हस्त (Hasta) | चंद्र | α, β, γ, δ and ε Corvi | 10VI00-23VI20 | |||||
१४ (14) | चित्रा (Chitrā) | मंगळ | Spica | 23VI20-06LI40 | |||||
१५ (15) | स्वाती (Svātī) | राहू | Arcturus | 06LI40-20LI00 | |||||
१६ (16) | विशाखा (Vishākhā) | गुरू/बृहस्पति | α, β, γ and ι Librae | 20LI00-03SC20 | |||||
१७ (17) | अनुराधा (Anurādhā) | शनी | β, δ and π Scorpionis | 03SC20-16SC40 | |||||
१८ (18) | ज्येष्ठा (Jyeshtha) | बुध | α, σ, and τ Scorpionis | 16SC40-30SC00 | |||||
१९ (19) | मूळ (Mūla) | केतू | ε, ζ, η, θ, ι, κ, λ, μ and ν Scorpionis | 00SG00-13SG20 | |||||
२० (20) | पूर्वाषाढा (Pūrva Ashādhā) | शुक्र | δ and ε Sagittarii | 13SG20-26SG40 | |||||
२१ (21) | उत्तराषाढा (Uttara Ashādhā) | रवी | ζ and σ Sagittarii | 26SG40-10CP00 | |||||
२२ (22) | श्रवण (Shravana) | चंद्र | α, β and γ Aquilae | 10CP00-23CP20 | |||||
२३ (23) | धनिष्ठा (Shravishthā) or Dhanisthā | मंगळ | α to δ Delphinus | 23CP20-06AQ40 | |||||
२४ (24) | शतभिषा (Shatabhisha) | राहू | γ Aquarii | 06AQ40-20AQ00 | |||||
२५ (25) | पूर्वाभाद्रपदा (Pūrva Bhādrapadā) | गुरू/बृहस्पति | α and β Pegasi | 20AQ00-03PI20 | |||||
२६ (26) | उत्तराभाद्रपदा (Uttara Bhādrapadā) | शनी | γ Pegasi and α Andromedae | 03PI20-16PI40 | |||||
२७ (27) | रेवती (Revatī) | बुध | ζ Piscium | 16PI40-30PI00 |
पुण्यामधे "नक्षत्र उद्यान" नावाचे एक उद्यान कोथरूडमध्ये आहे.
२८वे नक्षत्र संपादन करा
तैत्तिरीय संहितेत आणि अथर्ववेदात २८ नक्षत्रांचा उल्लेख आहे. त्यांमध्ये अभिजित हे २८ वे नक्षत्र आहे. परंतु कालांतराने हे नक्षत्र क्रांतिवृत्तावरून बाजूला सरकले, म्हणूनच आज केवळ २७ नक्षत्रे मानली जातात. अभिजित नक्षत्र हे उत्तराषाढा आणि श्रवण नक्षत्र यांच्यादरम्यान आहे. उत्तराषाढाचा शेवटचा एक चरण व श्रावणाचा आरंभीचा एक चरण मिळून अभिजित नक्षत्र होते.
त्रिपाद आणि पंचक नक्षत्र [१] संपादन करा
त्रिपाद नक्षत्रे [२] संपादन करा
कृत्तिका, पुनर्वसु, उत्तरा फाल्गुनी, विशाखा, उत्तराषाढा व पूर्वाभाद्रपदा या नक्षत्रांना त्रिपाद नक्षत्रे असे म्हणतात.
पंचक नक्षत्रे [२] संपादन करा
धनिष्ठा नक्षत्राचे ३रे आणि ४थे चरण, शततारका, पूर्वाभाद्रपदा, उत्तराभाद्रपदा व रेवती या नक्षत्रांना पंचक नक्षत्रे असे म्हणतात.
भारतीय ज्योतिषशास्त्रानुसार एखाद्या व्यक्तीच्या मृत्यूच्या वेळेस जर त्रिपाद किंवा पंचक नक्षत्र लागलेले असेल तर या नक्षत्राचे दोष लागू नये म्हणून अग्नीदाह करताना पुत्तलविधी केला जातो. किंवा सुतकाचे दिवस संपल्या नंतर, म्हणजेच ११ व्या दिवशी त्रिपाद नक्षत्र / पंचक नक्षत्र शांती केली जाते.
पुस्तके संपादन करा
- नक्षत्रकथा (लीना दामले)
- ^ "पंचक (Panchak) - क्या होता है पंचक नक्षत्र, कब लगता है पंचक और प्रभाव". astroswamig.com. ३ डिसेंबर २०२२ रोजी पाहिले.
- ^ a b "पंचक के शुभ नक्षत्र और शुभ फल, जानिए..." हिंदी वेब दुनिया. ३ डिसेंबर २०२२ रोजी पाहिले.