एडवर्ड स्मिथ-स्टॅन्ले (डर्बीचा १४ वा अर्ल)

ह्या लेखाचा/विभागाचा इंग्रजी किंवा अमराठी भाषेतून मराठी भाषेत भाषांतर करावयाचे बाकी आहे. अनुवाद करण्यास आपलाही सहयोग हवा आहे. ऑनलाईन शब्दकोश आणि इतर सहाय्या करिता भाषांतर प्रकल्पास भेट द्या.


डर्बीचा १४ वा अर्ल: भारत के गवर्नर-जनरल

संपादन

डर्बी का चौदवां अर्ल (Fourteenth Earl of Derby), जिन्हें एडवर्ड स्टैनले (Edward Stanley) के नाम से भी जाना जाता है, 19वीं सदी के मध्य में भारत के गवर्नर-जनरल थे। उन्होंने 1858 से 1859 तक इस पद पर कार्य किया था।

भारत में उनका कार्यकाल

संपादन

डर्बी का कार्यकाल भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जाता है। 1857 के भारतीय विद्रोह के बाद, ब्रिटिश सरकार ने भारत शासन में बड़े बदलाव किए थे। डर्बी के कार्यकाल में इन बदलावों को लागू करने का काम शुरू हुआ था।

  • भारत सरकार अधिनियम 1858: इस अधिनियम के तहत ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन समाप्त कर दिया गया और भारत को ब्रिटिश ताज के अधीन लाया गया। डर्बी ने इस अधिनियम को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
  • भारतीय सिविल सेवा: उन्होंने भारतीय सिविल सेवा को मजबूत बनाने के लिए कई कदम उठाए थे।
  • शिक्षा: उन्होंने भारत में शिक्षा के विकास पर भी ध्यान दिया था।

एक संक्षिप्त जीवनी

संपादन

डर्बी का जन्म 1799 में हुआ था। वे एक अंग्रेजी राजनीतिज्ञ और लेखक थे। उन्होंने कंज़र्वेटिव पार्टी का नेतृत्व किया था और कई बार ब्रिटेन के प्रधानमंत्री भी रहे। भारत के गवर्नर-जनरल बनने से पहले वे ब्रिटेन के विदेश सचिव भी रह चुके थे।

निष्कर्ष

संपादन

डर्बी का भारत में कार्यकाल हालांकि बहुत लंबा नहीं रहा, लेकिन उनके द्वारा किए गए फैसलों ने भारत के इतिहास को प्रभावित किया। भारत सरकार अधिनियम 1858 जैसे महत्वपूर्ण कानूनों को लागू करके उन्होंने भारत के शासन में एक नया अध्याय शुरू किया।